विदिशा

मनौरा में 200 सालों से चली आ रही परंपरा: भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा एक रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले

विदिशा डेस्क :

विदिशा के मनौरा में मंगलवार को भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा का निकली गई। भगवान जगन्नाथ स्वामी, बलभद्र और देवी सुभद्रा एक रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। जिनके दर्शनों के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में मनौरा पहुंचे।

3 दिन तक भक्तों को दर्शन देंगे भगवान

विदिशा के जगन्नाथपुरी मानोरा धाम में भगवान जगन्नाथ उडीसा से चलकर आए हैं। यहां भगवान तीन दिन तक भक्तों को दर्शन देंगे। इसके बाद वापस लौट जाएंगे। यह परपंरा लगातार 200 वर्षों से चली आ रही है। पूरे प्रदेश में यह रथ यात्रा मिनी जगन्नाथ स्वामी रथयात्रा के नाम से भी जानी जाती है। भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा में शामिल होने के लिए और उनके दर्शनों के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। जगन्नाथ पुरी मनौरा लोगों की आस्था और विश्वास का का केंद्र हैं। यही कारण है कि दूरदराज से श्रद्धालु पिंड भर कर अपनी मनोकामना लेकर जगन्नाथ स्वामी के दरबार में पहुंचते हैं। श्रद्धालु बताते हैं कि वह कई वर्षों से भगवान जगन्नाथ स्वामी के दर्शन करने के लिए जाते हैं। जगन्नाथ स्वामी महाराज उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।

मप्र में मानोरा की रथ यात्रा प्रसिद्ध

जगन्नाथ स्वामी रथ यात्रा के लिए 2 दिन पूर्व से श्रद्धालु माताएं और युवक पिंड भरकर जगन्नाथ पुरी मानोरा पहुंचने लगी है। लगातार 200 वर्षों से चली आ रही रथ यात्रा जिसे मिनी जगन्नाथ स्वामी रथ यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। उड़ीसा में भगवान जगन्नाथपुरी की रथ यात्रा के बाद मप्र में मानोरा की रथ यात्रा प्रसिद्ध है। मनोरा के भगवान जगदीश स्वामी रथ यात्रा का सीधा संबंध उड़ीसा में जगदीश पुरी रथ यात्रा से जुड़ा हुआ है। आज भी पुरी में भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा के दौरान जिस समय जगन्नाथ पुरी में जगन्नाथ स्वामी का रथ रुक जाता है, तो शंकराचार्य जी यह घोषणा करते हैं कि भगवान अब मानोरा चले गए हैं। वहीं, विदिशा के मानौरा में उत्सव शुरू हो जाता है, क्योंकि जगन्नाथ से कुछ देर के लिए भगवान जगदीश मानौरा आ जाते हैं। यह नजारा देखने के लिए यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। जहां दिन भर श्रद्धालु भगवान के दर्शन करते हैं।

घर-घर में जगन्नाथ भगवान का हुआ स्वागत

मनौरा में भगवान जगदीश स्वामी का प्राचीन मंदिर है, जिसमें जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के श्रीविग्रह विराजमान हैं। आज मंदिर के गर्भगृह से निकलकर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा रथ में विराजित हुए और फिर सुबह से रथ मंदिर से गांव में निकले। इस दौरान गांव के घर-घर में जगन्नाथ भगवान का स्वागत हुआ और श्रद्धालुओं ने उनकी पूजा-आरती की।

ऐसी मान्यता है कि मानोरा में जगन्नाथ रथयात्रा की करीब दो सौ साल पुरानी परंपरा है। यहां के भक्त तरफदार मानकचंद्र और उनकी पत्नी पदमावती के साथ पिंड भरते हुए जगन्नाथ पुरी गए थे तब मानकचंद्र की भक्ति से प्रभावित होकर भगवान ने उन्हें गांव में ही हर साल आकर दर्शन देने का वचन दिया था। तब से हर साल आषाढ़ सुदी दूज को यहां रथयात्रा निकाली जाती है।

हाईवे 146 पर यातायात को किया डायवर्ट

मानोरा जाने वाले रास्तों पर जगह-जगह भक्तों के लिए ठहरने और स्वल्पहार की व्यवस्था समाज सेवियों ने की है। भक्तों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने हाईवे 146 पर यातायात को डायवर्ट किया है। हर साल मानोरा जाने वाले देव कुशवाह बताते हैं कि सुबह जब भगवान रथ में बैठ जाते हैं तो ऐसा लगता है कि जैसे रथ स्वयं आगे बढ़ गया हो। इसके बाद श्रद्धालु रथ को गांव की गलियों से मेला ग्राउंड तक ले जाते हैं। कई जिलों से श्रद्धालु पिंड भरते हुए जगदीश स्वामी के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं।

रक्षा व्यवस्था के लिए 350 पुलिस बल लगाया

पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला ने बताया है कि रथ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए 350 पुलिस बल लगाया गया है। सीसीटीवी कैमरे मंदिर प्रांगण एवं मेला ग्राउंड पर लगाए गए हैं। वहीं, भारी वाहनों का मार्ग डायवर्ट किया गया है। पार्किंग की व्यवस्था, फायर बिग्रेड, अस्थाई अस्पताल पुलिस कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। लगभग 3 से 4 लाख श्रद्धालुओं का आने का अनुमान है। असामाजिक तत्वों पर भी पुलिस की पैनी नजर रहेगी। जिससे की मंदिर प्रांगण एवं मेले में किसी प्रकार की चोरी की घटनाएं ना हो सके। चैन स्कैनिंग पॉकेट मार की घटनाओं को रोकने के लिए सिविल ड्रेस में भी पुलिस के जवान पूरे मेला ग्राउंड में एवं मंदिर के पास मौजूद रहेंगे।

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