विदिशा

सार्थक दिवाली: जन चेतना मंच ने सहारिया बस्ती में बांटी खुशियाँ, दिया नशामुक्ति का संदेश

आनंदपुर डेस्क :

सामाजिक संगठन जन चेतना मंच ने इस बार दिवाली का त्योहार बेहद अनोखे और सार्थक तरीके से मनाया। संगठन के सदस्यों ने ग्राम पंचायत नरखेड़ा जागीर के शंकरगढ़ सहारिया बस्ती पहुंचकर गरीब और असहाय परिवारों के साथ “सार्थक दिवाली” मनाई। इस दौरान मंच के कार्यकर्ताओं ने बस्ती के बच्चों और बुजुर्गों को नए कपड़े, मिठाइयाँ और पटाखे वितरित किए तथा सभी को नशामुक्त जीवन का संदेश दिया।

संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी संजीव कुशवाहा ने इस अवसर पर कहा कि नशा किसी भी रूप में व्यक्ति, परिवार और समाज के लिए घातक है। उन्होंने कहा— “नशा एक ऐसी बुरी लत है जिसे छोड़ना कठिन जरूर है, लेकिन असंभव नहीं। हमें धीरे-धीरे ही सही, मगर हर प्रकार के नशे से दूरी बनानी चाहिए। जो धन नशे में व्यर्थ होता है, यदि वही बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया जाए, तो हमारा समाज वास्तव में विकसित और सशक्त बन सकता है।”

संगठन के वरिष्ठ कार्यकर्ता संजय लोधी ने बताया कि “सार्थक दिवाली” कार्यक्रम पिछले दस वर्षों से निरंतर आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यही है कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों के चेहरों पर मुस्कान लाई जाए। उन्होंने कहा— “जब बच्चों और बुजुर्गों को नए कपड़े और मिठाइयाँ दी गईं, तो उनकी आँखों में जो खुशी दिखी, वही हमारी सच्ची दिवाली थी।”

प्रदेश अध्यक्ष गोवर्धन शर्मा ने जानकारी दी कि जन चेतना मंच ने नौ वर्ष पहले दैनिक भास्कर की ‘सार्थक दिवाली’ मुहिम से प्रेरणा लेकर यह अभियान शुरू किया था। तब से हर साल मंच किसी एक गरीब बस्ती का चयन करता है और वहाँ जाकर खुशियाँ बाँटता है।

नशा मुक्ति की दिलाई शपथ

कार्यक्रम के अंत में संगठन के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह पाटीदार ने सभी ग्रामीणों को नशामुक्ति की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा— “आज हम सब यह संकल्प लेते हैं कि किसी भी प्रकार का नशा नहीं करेंगे और दूसरों को भी नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करेंगे।”

इस अवसर पर अंकित कुशवाह, रोहित पाटीदार सहित मंच के कई सक्रिय कार्यकर्ता उपस्थित रहे। बस्ती में दिवाली की जगमगाहट और बच्चों की मुस्कान ने यह संदेश दिया कि असली खुशी देने में है, पाने में नहीं।

News Update 24x7

Related Articles

error: Content is protected !!