भोपाल

MPPSC : मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग में 2053 पदों पर होगी भर्ती, प्रस्ताव भेजा, देखें पूरी डिटेल

भोपाल डेस्क :

मध्यप्रदेश में रोजगार को लेकर बड़ी खबर है। उच्च शिक्षा विभाग 2 हजार से ज्यादा पद भरने जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग में 4 हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। इनमें से 2053 पदों पर भर्ती निकाली गई है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने रोस्टर फाइनल कर MPPSC को भर्ती प्रस्ताव भेज दिया है।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि विभाग में जल्द ही 4 हजार से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती होगी। विभाग में 2053 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए रोस्टर फाइनल कर MPPSC को भर्ती का प्रस्ताव ऑनलाइन भेजा जा चुका है। पहले चरण में सहायक प्राध्यापक के विभिन्न विषयों के 1669 पदों, ग्रंथपाल के 255 पदों एवं खेल अधिकारी के 129 रिक्त पदों पर भर्ती होगी। उन्होंने बताया कि अराजपत्रित संवर्ग के रिक्त पद कर्मचारी चयन मंडल से भरे जाएंगे।

दूसरे चरण में शेष पद भरे जाएंगे
खाली पद दो चरणों में भरे जाएंगे। पहले चरण में 2053 पद भरे जा रहे हैं। दूसरे चरण में शेष पदों पर भर्ती की जाएगी। हालांकि, यह पद कब भरे जाएंगे, इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

दिसंबर में ही निकलेंगी भर्ती
जानकारी के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव MPPSC को भेज दिया है। उसने भी लगभग सहमति दे दी है। इस संबंध में जल्द ही विज्ञापन भी जारी किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो दिसंबर खत्म होने से पहले यानी इसी साल इस संबंध में भर्ती निकल जाएंगी।

गेस्ट फैकल्टी को होगा फायदा
गेस्ट फैकल्टी वालों को 4 नंबर दिए गए हैं। इनका नोटिफिकेशन इसी साल तक का है। इस कारण इन पदों पर भर्ती इसी साल निकालना जरूरी है, नहीं तो उन्हें दोबारा करना पड़ेगा। इस कारण विभाग इसी साल भर्ती निकालने का प्रयास कर रहा है।

5 साल बाद होगी भर्ती
उच्च शिक्षा विभाग ने पांच साल पहले यानी साल 2017 में करीब ढाई हजार पद भरे थे। इससे पहले 1992 में जनरल के पद निकले थे। उसके बाद से 2017 तक सामान्य वर्ग के लिए भर्ती नहीं निकली थी, लेकिन 1994-98 में बैकलॉक के पद भरे गए थे। लंबे समय बाद 2017 में सामान्य के पद भरे गए थे।

सभी पदों पर इस तरह होती है भर्ती

  • सहायक प्रोफेसर, सह प्रोफेसर एवं प्रोफेसर के पदों पर प्रत्यक्ष रूप से भर्ती की जाती है। विज्ञापन पर जो कि अखिल भारतीय स्तर पर किया गया है। नियमित रूप से गठित चयन समिति द्वारा किए गए चयन पर निर्भर रहेगा। साथ ही इन नियमनों के अधीनस्थ होगा, जो नियमन उस सम्बद्ध भारत का राजपत्र, सितंबर 18, 2010 (भाद्रपद 27, 1932) विश्वविद्यालय के अध्यादेशों / नियमों में समाविष्ट किए जाने हैं। इस प्रकार की समितियों का गठन उसी रूप में किया जाना चाहिए, जैसा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा इन नियमनों में निर्धारित किया गया है।
  • इन सभी पदों के लिए न्यूनतम अर्हताएं वही मानी जाएंगी, जिन्हें इन नियमों के अंतर्गत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित किया गया है। इन पदों के नाम है- सहायक प्रोफेसर सह प्रोफेसर व प्रोफेसर, प्रिंसिपल, शारीरिक शिक्षा व खेलकूद के सहायक निदेशक, शारीरिक शिक्षा, खेलकूद के उप-निदेशक, शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूल के निदेशक, सहायक लाइब्रेरियन, उप-लाइब्रेरियन लाइब्रेरियनों के लिए।
  • एक अच्छा अकादमिक रिकॉर्ड, 55 प्रतिशत अंक (अथवा समकक्ष ग्रेड जिसका अनुकरण, किसी भी बिंदु पैमाने की प्रणाली के लिए हो रहा हो) स्नातकोत्तर स्तर पर और राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (नेट) अथवा किसी एक मान्यता पात्र परीक्षा मेंपर आर राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा सहायक प्रोफेसरों की नियुक्तियों के लिए रहेंगे।
  • विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों/ संस्थानों में सहायक प्रोफेसरों की भर्ती एवं नियुक्तियों के लिए नेट/स्लेट/सेट ही पात्रता के लिए न्यूनतम अर्हताएं मानी जाएंगी। बशर्ते कि ऐसे अभ्यर्थी जिन्हें या तो पीएचडी डिग्री प्रदान की जा चुकी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुसार जो भी मानकों को बनाया गया है तथा पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए हैं, जो कि 2009 के नियमनों के अनुसार है। उनको नेट/स्लेट/सेट की उन पात्रता शर्तों से छूट होगी, जो शर्त विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों/संस्थानों में सहायक प्रोफेसरों अथवा इसके समकक्ष पदों पर नियुक्तियों/भर्ती के लिए निर्धारित की गई हैं।
  • ऐसे स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए उन समस्त विषयों में नेट / स्लेट / सेट परीक्षा अनिवार्य नहीं होगीं, जिन विषयों में नेट / स्लेट / सेट की परीक्षा संचालित नहीं की जाती हैं।
  • ऐसे अभ्यर्थी जो कि शिक्षक के रूप में स्नातकोत्तर स्तर पर नियुक्त हैं और जो विभिन्न उद्योगों अथवा शोध संस्थानों से हैं। ऐसे शिक्षकों के लिए नियुक्ति के प्रवेश स्तर पर सहायक प्रोफेसरों, सहायक लाइब्रेरियनों, सहायक निदेशकों जो सब शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद क्षेत्र से हैं। उनके लिए न्यूनतम 55 प्रतिशत (अथवा जहां पर भी ग्रेडिंग प्रणाली का अनुसरण किया जा रहा हो, वहां पर एक समकक्ष ग्रेड जो कि किसी पॉइंट स्केल में हो उसमें) अंक अनिवार्य हैं।
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / विभिन्न शारीरिक दिव्यांगता वाली श्रेणियों के व्यक्तियों को स्नातक स्तर पर तथा स्नातकोत्तर स्तर पर 5 प्रतिशत की छूट उपलब्ध कराई जा सकती है। शिक्षण संबंधी स्थानों/पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में पात्रता एवं श्रेष्ठ अकादमिक रिकॉर्ड को निर्धारित करने के उद्देश्य से होगी। पात्रता के लिए आवश्यक 55 प्रतिशत अंक (अथवा ऐसी कोई स्थिति जहां ग्रेडिंग प्रणाली का अनुसरण किया जा रहा है, वहां पर किसी भी पाइंट स्केल की समकक्ष श्रेणी में) तथा 5 प्रतिशत की छूट जिन उपरोक्त श्रेणियों के लिए व्यक्त की गई है-वे अनुमत होगी जो कि अर्हकारी अंकों पर आधारित रहेगी और जिनमें अनुग्रहांक के सम्मिलित करने की विधि लागू नहीं होगी।
  • ऐसे पीएचडी धारक जिन्होंने अपनी स्नातकोत्तर डिग्री 19 सितंबर, 1991 से पूर्व ही प्राप्त कर ली है, उनके अंकों में 5 प्रतिशत की छूट उपलब्ध कराई जाए।
  • ऐसे समस्त अभ्यर्थी जिन्हें सीधे तौर से सह प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया जाना है, उनके लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य होगी।
  • अपनी एमफिल अथवा पीएचडी डिग्री प्राप्त करने के लिए जो समयावधि अभ्यर्थी द्वारा लगाया गया है। वह समस्त अवधि शैक्षिक पदों पर उनकी नियुक्तियों लिए अध्यापन/शोध अनुभव के रूप में नहीं की जा सकेंगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!