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MP अजब है, थोड़े से आलस ने साल भर की मेहनत पर पानी फेर दिया: वनरक्षक भर्ती में सबसे आगे दाैड़ रहा युवक आराम करने के लिए रुका ताे सो गया, दौड़ पूरी होने के बाद जागा

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आपने खरगोश और कछुए के बीच दौड़ की कहानी जरूर पढ़ी या सुनी होगी। इसमें फर्राटे भरने वाला खरगोश अति आत्मविश्वास में दौड़ में कछुए से हार गया था। इसी कहानी का दृश्य मंगलवार को खंडवा में वनरक्षकों भर्ती दौड़ में दिखा। इस भर्ती के लिए 24 किलोमीटर की दौड़ 4 घंटे में पूरी करना थी। सुबह एक साथ 61 युवाओं ने दौड़ शुरू की।

इसमें ग्वालियर जिले के डबरा से आए 21 वर्षीय उम्मीदवार पहाड़ सिंह भी दौड़ा। पहाड़ सिंह ने 3 घंटे में ही 21 किमी की दूरी तय करने के बाद जब पीछे मुड़कर देखा तो दूसरे प्रतिभागी उसे दूर-दूर तक दिखाई नहीं दिए। उसने सोचा कि इन लोगों को आने में बहुत देर लगेगी, इसलिए थोड़ा आराम कर लेते हैं। वह सड़क किनारे खड़े डंपर की आड़ में लेट गया। इस बीच पहाड़ सिंह को ऐसी नींद लगी कि दौड़ का समय खत्म होने के बाद तक वहीं सोता रहा। दौड़ खत्म होने के बाद जब वन अमले ने धावकों की गिनती की तो पहाड़ सिंह गायब था। उसे ढूंढ़ने के लिए वन अमला गाड़ी लेकर निकला तो वह सड़क किनारे सोता मिला। थोड़े से आलस के कारण पहाड़ सिंह सबसे क्षमतावान होने के बावजूद वनरक्षक की भर्ती से बाहर हो गया, जबकि दौड़ में हिस्सा लेेने वाले अन्य सभी 51 युवाओं ने दौड़ की परीक्षा पास कर ली।

सोचा सभी बहुत दूर हैं, थाेड़ा बैठ जाता हूं, पर नींद लगी गई- पहाड़ सिंह

पहाड़ सिंह कहते हैं- मैं एक साल से आर्मी की तैयारी कर रहा था। सुबह उठकर राेज रनिंग करता था। वन रक्षक की दौड़ में सबसे आगे मैं ही था, लेकिन पैर में छाले आ गए थे। थक भी गया था ताे सोचा कि अभी ताे सभी बहुत दूर हैं ताे थाेड़ा बैठ जाता हूं, लेकिन ऐसी नींद लगी कि दौड़ खत्म होने के बाद भी नहीं टूटी। मुझे बहुत दु:ख हुआ कि जीतते-जीतते मैं हार गया। थाेड़े से आलस ने मेरी साल भर की मेहनत पर पानी फेर दिया।

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