विदिशा

लटेरी तहसील में बीच सड़क पर खड़ी रहती है मवेशी, आए दिन होती दुर्घटना का शिकार, नगर पालिका प्रशासन मौन, परिषद के अधिकारी जानबूझ कर नहीं दे ध्यान।

कलेक्टर के आदेशों की उड़ रही धज्जियां

लटेरी डेस्क :

सड़कों पर गौवंश दुर्घटना का हो रही शिकार लटेरी – विदिशा जिले की लटेरी तहसील में बीच सड़क पर खड़ी रहती है गौवंश नगर पालिका प्रशासन मौन परिषद का नहीं है इस ओर बिल्कुल ध्यान। वर्तमान समय में गोवंश सबसे बुरी दशा से होकर गुजर रहा है भूख के कारण कहीं भी गाये माता पॉलिथीन खाती देखी जा सकती है किसी भी चौराहे पर किसी भी गली में दुर्घटना और मौत का शिकार हो रही है ग्रामीण क्षेत्र से भगाया हुआ गोवंश आज हाईवे पर अपना ठिकाना बना कर बैठा हुआ है बारिश के दिनों में जब खेतों में फसल होती है तो इन गायों को खेतों से भगा कर बाहर दिया जाता है कई पशु पालक गायों को भगवान भरोसे सड़कों पर ही छोड़ देते हैं जिसके कारण भटकते भटकते गाय शहरो में आ जाती हैं लावारिस घूम रहे गोवंश दुर्घटनाओं का शिकार हो रही है

ग्रामीण क्षेत्रों में गाय

वहीं अगर ग्रामीण क्षेत्र की बात की जाए तो आनंदपुर सहित ऐसा कोई भी गांव नहीं कि जिसकी पक्की सड़क पर आवारा मवेशियों बैठी हुई ना मिले और आनंदपुर में तो हालात और भी बदतर है एक किलोमीटर लंबे बाज़ार में ही सैकड़ों गाय बीच सड़क पर बैठी रहती हैं जिसके चलते हैं आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं और यह सड़क दुर्घटनाएं लड़ाई और झगड़े का रूप ले लेती है जिसके चलते वाहन चालकों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि कोई भी वाहन चालक जानबूझकर तो किसी भी मवेशी पर वाहन नहीं चडाता धोखे से यदि किसी भी मवेशी को टक्कर हो जाए तो स्थानीय लोग बवाल मचा देते हैं और उस वाहन चालक के साथ हाथापाई करने से भी नहीं चूकते। आखिर इन बेजुबान गाय दर दर की ठोकर खाने को बेबस है।

कलेक्टर के आदेशों की उड़ रही धज्जियां

इस संबंध में पिछले दिनों कलेक्टर ने जनपद पंचायत सीईओ और नगर परिषद सीएमओ को सख्त निर्देश दिए थे कि गोवंश के लिए व्यवस्था की जाए सड़कों पर गोवंश ना बैठे हैं मगर अभी तक इस ओर किसी का ध्यान नहीं है पशु पलको पर भी कार्रवाई की जरूरत है।वही देखने को मिलता है कि बेजुबान पशुओं की जान ले रही प्लास्टिक पॉलिथीन खाने से मरने वाली गायों की मौत का आंकड़ा काफी बढ़ रहा है प्लास्टिक का कचरा जमीन पर रहने वाली प्राणियों के साथ-साथ जलीय जीवो की मौत का भी कारण बनता है आज के समय में पॉलिथीन की थैलियों का प्रयोग बहुत अधिक मात्रा में हो रहा है फल सब्जी दूध दही भी मसाले तेल यहां तक की पक्की हुई खाद्य सामग्री में भी पॉलिथीन की थैलियों का उपयोग हो रहा है पॉलिथीन की थैलियां प्लास्टिक की बनती है जिससे पर्यावरण प्रदूषण की जटिल समस्या बन गई है पॉलिथीन को जलाने से सशक्त गेल जैसे क्लोरो फ्लोर कारण बाहर निकलती है ओजोन परत को नष्ट करती है इससे पराबैंगनी किरणें धरती पर पहुंचती है जो मानव जीवन के साथ-साथ पशुओं के लिए अत्यंत हानिकारक है

अधिकतर पॉलिथीन बैग में खाने की बनी हुई खाद्य सामग्री तथा छिलके इत्यादि फेंक दिए जाते हैं जिससे निराश्रित गाय खा लेती है जिसमें पॉलिथीन आमाश्य व आँतो में फंस जाने से गोवंश की मृत्यु हो जाती है । पॉलिथीन बंद होना चाहिए तथा इधर नागरिकों में नाराजगी है कचरे को खाद्य बनाने के लिए लाखों रुपए की मशीन खरीद कर तो रखी है मगर चालू अभी तक नहीं हो पाई नगर परिषद सीएमओ ने शासन की राशि का उपयोग तो कर लिया मगर कचरे के ढेरों से निजात नहीं मिल पा रहा आज भी गोवंश कचरा पॉलिथीन खा रही है साफ सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं मगर आज भी लटेरी कचरे में दिखाई दे रही है।क्या कहते है नागरिक – इनका कहना है कि नगर परिषद में ही पॉलीथिन का उपयोग होता है गाय पॉलिथीन खाती हैं तो कैसे स्वच्छ अभियान दिखाई देगा जब नगर परिषद कार्यालय स्वच्छ नहीं है तो लटेरी कैसे स्वच्छ होगी ।

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