दर्जनभर गाँव मे सिंध नदी,तो आधा दर्जन गांवों में कांदई नदी का जल तांडव,गांवों को चारों ओर से घेरा, कहीं छतों पर तो कहीं ऊंचे घरों में ली शरण।
आनंदपुर डेस्क :
पूरे क्षेत्र में 3 दिन से हो रही बारिश से आम जनों के हाल बेहाल हैं आनन्दपुर रविवार रात को हुई तेज बारिश से पूरे क्षेत्र के नदी नाले उफान पर हो गए,क्षेत्र की दोनों नदियों सिंध,कांदई अपने रौद्र रूप में आ गई और दोनों नदियों से करीब 20 गांवों का संर्पक टूट गया,दोनों ने 20 गाँव को चारों ओर से घेर लिया,घरों में पानी भर गया,वाहन डूब गए,कच्चे मकान गिर गए,निचले घरों के परिवारों ने दूसरी जगह ली शरण,सड़क मार्ग पूरी तरह बंद, कोई मदद भी करे तो कैसे।
(1) सिंध नदी—,सिंध नदी ने वामनखेड़ी, ललचिया,रुसल्ली,लोधाखेड़ी, रघुनाथपुर, ऊलाखेड़ी, काछीखेड़ा, परवरिया,सतपाड़ा,जाजमखेड़ी, मुबारकपुर टांडा चक्क को चारों ओर से घेर लिया,इन गांवों के चारों ओर नदी फेल गई,जिसमे परवरिया,मुबारकपुर को छोड़कर बाकि गाँव के लोंगों तक पहुंचने के सभी मार्ग बन्द हो गए,रात से सुबह तक हुई तेज बारिश से सिंध नदी के रौद्र रूप से इन गांवों के लोगों की जान घरों में अटक कर रह गई। वामनखेड़ी सरपँच प्रतिनिधि अरविंद बघेल ने बताया की सिंध नदी का यह रूप पहली बार देखा है मेरी पँचायत के वामनखेड़ी,रुसल्ली,रघुनाथपुर, जाजमखेड़ी गाँव के चारों तरफ नदी फेल गई थी,सुबह 4 बजे से करीब 8 बजे तक तेज बारिश और नदी का पानी घरों में घुसने लगा था उस समय ऐसा लग रहा था की कैसे लोंगों को सुरक्षित रखे,गाँवो के अंदर घरों में नदी का पानी आ चुका था,कुछ परिवारों ने मवेशियों को छोड़ दिया और अनाज,समान आदि लेकर जो थोड़े ऊंचे पर मकान हैं वहां शरण ली,लटेरी एसडीएम से बात हुई पर सड़क मार्ग कहीं से भी नहीं खुला था,इन गांवों तक सड़क मार्ग से आ नहीं सकते थे,कई कच्चे मकान गिरे हैं,अगर एकाध घण्टा और तेज पानी आ जाता तो कुछ भी हो सकता था,लोंगों की जान अटक रही थी,घरों के बाहर नदी का तेज बहाव ऐसा भयानक मंजर ईश्वर ने ही बचाया है,जो नुकसान है वह फसल,मकान आदि का वह तो अब नदी के कम होने पर पता चलेगा।
जाजमखेड़ी के पटेल चंद्रभान सिंह बघेल सुबह 4 बजे से नदी गाँव मे भरा गई थी,लगातार तेज बारिश हो रही थी,ऐसे में गाँव के निचले घरों में पानी भराने लगा था,कुछ परिवार मवेशियों को छोड़कर ऊपरी तरफ आ गए थे,पर तेज बारिश से सिंध नदी ने गाँव को चारों ओर से घेर लिया था और पानी ऊपर तक आ गया था,प्रशासन से बार बार आग्रह भी किया जा रहा था,बच्चों,बूढ़ों,महिलाओं को छतों पर बैठा दिया था,सुबह के हालत ये थे कि पता नहीं अब गाँव बचेगा की नहीं कैसे लोंगों को एक स्थान पर इकट्ठा करें,घरों के बहार नदी तेज गति से बह रही थी,अगर कुछ देर और पानी गिरता तो पूरा गाँव भ बह जाता भगवान ने ही आज रक्षा की है,अभी भी गाँव के चारों ओर नदी है पर पानी का स्तर धीरे धीरे कम हो रहा है,फसल,मकान,अनाज,मवेशी को तो पानी कम होने के बाद देख पायेंगे, अभी तो जन हानि न हो ईश्वर से यही प्रार्थना है।
काछीखेड़ा,सरपँच प्रतिनिधि वीरेंद्र शर्मा ने बताया की इतनी भयानक नदी हमने नहीं देखी पूरे गाँव के चारों तरफ नदी फेल गई,लोंगों को घरों से भागना पड़ा,पूर्व सरपँच महाराज सिंह बंजारा ने कहा की पूरा गाँव के लोग छतों पर आ गए थे,नीचे कमरों में पानी भरा चुका था पूरी बस्ती के लोग ऊपर आकर इस बारिश से भगवान बचाये प्रार्थना करने लगे,बच्चों का डर से बुरा हाल था,नदी तेज गति से घरों में भराने लगी थी,कैसे बचेंगे कुछ नहीं दिख रहा था,ऐसी बारिश कभी नहीं देखी,आसमान से पानी,नीचे पानी कहाँ जाएं।
(2)कांदई नदी—कांदई नदी ने शाहपुर,धरनावदा,सदगुरु नगर,लालाटोरा,कोलापुर आदि गाँवो में अपना रौद्र रूप दिखाया, शाहपुर के उप सरपंच अशोक विश्वकर्मा ने कहा की गाँव के चारों ओर नदी आ गई थी,निकलने का कोई रास्ता नहीं था,घरों के छतों से लगकर बह रही थी,अगर बारिश कम नहीं होती तो इसके तेज बहाव से कैसे बचते इधर सदगुरु नगर अस्पताल में पानी भरा गया,कांदई नदी पर बने नए पुल के ऊपर से नदी बह रही थी,मरीजों को तीसरी मंजिल पर शिफ्ट किया गया,वार्ड के बहार खड़ी एम्बुलेंस पानी मे डूब गई,चारों तरफ पानी ही पानी था,लालाटोरा के लाखन जादोंन,मिंटू जादोंन ने बताया की गाँव से लग रही नदी बह रही थी,कांदई नदी का बहाव तेज होता है,इसके बहने की गति देखकर ही डर लगता है,और अबकी बार तो ये नए पुल के ऊपर हो गई थी,इससे अंदाजा लग सकता है की कितने तेज बारिश हुई थी हमारे गाँव के चारों ओर नदी थी,मंदिर,वाहन आदि नीचे पानी मे डूब गए थे,हम दूसरी मंजिल पर बैठे थे,ऐसे लग रहा था की कोई सैलाब आया हो और सभी को इसमें समाकर ले जाएगा। खबर लिखे जाने तक बारिश जारी है
लटेरी एसडीएम बृजेन्द्र रावत भी लगातार संर्पक में हैं,लटेरी एसडीएम ने कहा की हमने आपदा प्रबंधन को सूचना दे रखी है,सड़क मार्ग खुलते ही बाढ़ग्रस्त गांवों में प्रशासन पहुँच जाएगा,अभी कोई भी सड़क मार्ग नहीं खुला है,जिससे इन गांवों में पहुंचना नहीं हो पा रहा है,हम लोंगों से लगातार संपर्क में हैं। हमारी पहली प्राथमिकता किसी भी तरह बाढ़ से नुकसान न हो।