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हीरे के बाद अब आँवला बना पन्ना की नई पहचान

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पन्ना जिले में एक जिला-एक उत्पाद योजना ने आँवला को नई पहचान दी है। आँवला का उपयोग आयुष औषधि में मुख्य रूप से किया जाता है।

पन्ना के जंगलों में आँवले के वृक्ष मुख्य रूप से पाये जाते हैं। यहाँ का आँवला रेशा रहित होने से अत्यंत लाभकारी है। आँवला विटामिन-सी का समृद्ध स्त्रोत है। आयुष विभाग की देवारण्य योजना में आँवला के संग्रहण और प्रोसेसिंग के लिये प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिये जिला स्तर पर विभिन्न विभागों सं समन्वय के लिये जिला स्तरीय समिति भी गठित की गई है। किसानों को आँवले की खेती के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिला स्तर पर वन, उद्यानिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और जनजातीय कार्य विभाग मिल कर कार्य कर रहे हैं। साथ ही स्वयंसेवी संगठनों और स्व-सहायता समूहों की इस कार्य में मदद ली जा रही है। किसानों को प्रशिक्षण दिये जाने की व्यवस्था भी की जा रही है। पन्ना जिला अब हीरे के बाद आँवला उत्पादन में भी नई पहचान बना रहा है।

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