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सातवीं में पढ़ने वाली 14 साल की बेटी ने बनाया खौफनाक प्लान: पुलिस भी रह गई दंग, जानकार रह जाएंगे दंग

जबलपुर डेस्क :

मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. कक्षा सातवीं में पढ़ने वाली 14 वर्षीय नाबालिग छात्रा ने अपने ही अपहरण की झूठी साजिश रच डाली. ऐसा इसलिए क्योंकि छात्रों को मां ने लिपस्टिक लगाने और मोबाइल चलाने से मना किया था। हालांकि, पुलिस ने छात्रा को बरामद कर लिया है।

यह घटना 28 जून सुबह करीब 11 बजे की है, जब लड़की अचानक घर से गायब हो गई. परिवार को उसी दिन एक पत्र मिला, जोकि कथित अपहरणकर्ताओं के नाम से लिखा गया था कि उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया है और यदि वे उसे सही-सलामत वापस पाना चाहते हैं तो 15 लाख रुपये 10 जुलाई तक बड़ी खेरमाई मंदिर के पास पहुंचाएं. पत्र में धमकी दी गई थी कि यदि इस मामले की जानकारी पुलिस को दी गई, तो बच्ची के चीथड़े मिलेंगे।

पुलिस अफसर ने सुनाई लड़की की करतूत

थाना खमरिया प्रभारी सरोजिनी टोप्पो चौकसे ने बताया कि खमरिया थाना क्षेत्र के डुमना चौकी अंतर्गत ककरतला वात्सला अपार्टमेंट में रहने वाली 14 वर्षीय लड़की के अपहरण की शिकायत परिजनों के द्वारा पुलिस थाने में की गई थी. तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया और परिवार की सूचना पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के साथ-साथ क्षेत्रीय पूछताछ के आधार पर जांच शुरू की तो पता चला की नाबालिग एक ऑटो में बैठकर शहर की ओर गई हुई है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ऑटो चालक से पूछताछ की तो पता चला कि उसने नाबालिक को सदर काली माई मंदिर के पास छोड़ा है।

पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए अलग-अलग टीमों ने सदर इलाके में जांच शुरू की तो पता चला कि नाबालिग क्षेत्र में किराए का मकान ढूंढ रही है. इसी दौरान बच्ची को सदर क्षेत्र में किराए का मकान ढूंढ़ने के दौरान बरामद कर लिया गया और पुलिस थाने लाया गया. यहां पूछताछ के दौरान बच्ची ने कबूल किया कि उसने खुद ही अपहरण का झूठा नाटक रचा था. उसने फिरौती का पत्र भी खुद अपने हाथों से लिखा था और उसे घर में छोड़कर निकल गई थी।

मां और नानी की डांट से थी परेशान

नाबालिग ने बताया कि वह अपनी मां और नानी से बेहद परेशान थी छोटी-छोटी बातों पर उसे डांटती थीं और उसके मोबाइल फोन चलाने व मेकअप लिपिस्टिक करने पर पाबंदी लगाती थीं जिसे यह सब मंजूर नहीं था।

पुलिस के मुताबिक बच्ची की मां नानी के घर में पिछले 15 वर्षों से रह रही है. क्योंकि उसके पिता ने उसकी मां बहुत पहले ही छोड़ दिया है. मां अधिवक्ता के घर में काम करती है तो वहीं नानी पीडब्ल्यूडी में प्यून का काम करती है. काम के दौरान जो पैसा आता है उसी से घर का खर्च और बेटी की पढ़ाई चल रही थी. मां का कहना है कि वह बेटी को पढा लिखाकर कुछ काबिल बनाना चाहती है. लेकिन मां की डांट फटकार बच्ची को मंजूर नहीं है और इसी सब के चलते बच्ची ने यह कदम उठाया है।

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