
आनंदपुर डेस्क :
खेल-खेल में की गई बातचीत बच्चों के मानसिक विकास में अहम भूमिका निभाती है। इसी बात को सोमवार को शासकीय प्राथमिक शाला कालादेव के शिक्षक वीरेंद्र कुमार मीना ने शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय आनंदपुर में बालिकाओं के बीच साबित किया। उन्होंने बताया कि जब बच्चों को खेल-खेल में शामिल किया जाता है और उनसे सहज ढंग से बातचीत की जाती है, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही, नए लोगों से मिलने-जुलने और संवाद करने में आने वाली झिझक भी दूर हो जाती है।
शिक्षक मीना ने विद्यालय में पहुंचकर करीब एक घंटे तक विभिन्न प्रकार के खेल बालिकाओं के साथ खेले। खेलों के माध्यम से उन्होंने छात्राओं से सवाल-जवाब किए और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। इस दौरान बच्चियों ने बड़े उत्साह के साथ हिस्सा लिया। शिक्षक का मानना है कि इस तरह की गतिविधियाँ बच्चों के सर्वांगीण विकास में मददगार साबित होती हैं। खेलों से न केवल शारीरिक स्फूर्ति मिलती है बल्कि मानसिक ताजगी भी आती है।
विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय आनंदपुर में प्रतिदिन दोपहर के समय एक घंटे के लिए बच्चों को विभिन्न प्रकार के खेल खिलाए जाते हैं। इससे बच्चों का तनाव कम होता है और वे पढ़ाई पर और अधिक ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। शिक्षकों का भी मानना है कि खेल और शिक्षा का संतुलन विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की नींव है।
बच्चियों ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि खेल-खेल में पढ़ाई करने और बातचीत करने से पढ़ाई का बोझ हल्का लगता है। वहीं, शिक्षक-छात्र संवाद का रिश्ता भी मजबूत होता है। विद्यालय परिवार ने शिक्षक वीरेंद्र कुमार मना का आभार जताते हुए कहा कि ऐसे प्रयास बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरणादायक हैं।