विदिशा

बीजेपी के गढ़ में आज आएंगे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ: प्रशासन 30 फीट चौड़ी सड़क से कमलनाथ को सभा स्थल तक ले जाना चाह रहा था

सिरोंज डेस्क :

30 साल बाद सिरोंज आ रहे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ को सभा स्थल पर ले जाने के लिए कांग्रेस नेताओं को 30 फीट सीसी सड़क के बजाय 12 फीट मुरम की कच्ची सड़क पसंद आई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का हेलीकाप्टर 21 दिसंबर बुधवार सुबह 10 बजे तहसील रोड पर खाद गोदाम के पीछे उतरेगा। इसके समीप स्थित निजी गार्डन में वे पत्रकार वार्ता को संबोधित करेंगे और यहां से सीधे नया बस स्टैंड स्थित सभास्थल पर पहुंचेगे। सभा से पहले वे मंडलम और सेक्टर अध्यक्षों की बैठक भी बस स्टैंड पर लेंगे।

इसके लिए कांग्रेस संगठन ने सभा स्थल के ठीक पीछे बैठक स्थल बनाया है। प्रेस कांफ्रेंस स्थल से सभा स्थल की दूरी करीब एक किमी है और यहीं से कमलनाथ का काफिला शुरू होगा। आमतौर पर वाहन चालक और नागरिक तहसील रोड से बस स्टैंड तक पहुंचने के लिए सबसे अच्छी और 30 फीट से ज्यादा चौड़ी सीसी सड़क का उपयोग करते हैं। यह सड़क नपा कार्यालय के सामने नेताजी सुभाषचंद्र बोस और तात्याटोपे की रोटरी से होते हुए बस स्टैंड पर सभा स्थल तक पहुंचती है लेकिन कांग्रेस संगठन ने अपने प्रदेशाध्यक्ष के काफिले के लिए इस सीसी सड़क को एक तरफ रख कर तालाब के पास से निकली मुरम की सड़क को पास किया है। उनका काफिला इसी सड़क से होते हुए सभा स्थल तक पहुंचेगा।

30 साल पहले भाजपाइयों ने दिखाए थे काले झंडे
इससे पहले कमलनाथ 30 साल पहले 14 जनवरी 1993 में बतौर केन्द्रीय मंत्री, तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद दिग्विजयसिंह के साथ सिरोंज आए थे। उस समय मकर संक्रांति के मेले में उनकी आमसभा देवपुर में हुई थी। बाबरी मस्जिद के ढहाए जाने के बाद तब केन्द्र की नरसिंहराव सरकार ने मध्यप्रदेश सहित चार प्रदेशों की भाजपा सरकार को बर्खास्त कर दिया था। जिसके चलते भाजपा देशभर में कांग्रेस नेताओं का विरोध कर रही थी। कमलनाथ जब देवपुर आए तो भाजपा नेताओं ने यहां भी उन्हें काले झंडे दिखाए थे। प्रशासन ने लाठीचार्ज कर उन्हें भगाया था।

दिनभर चलता रहा मरम्मत का काम
जिस मुरम की कच्ची सड़क से कमलनाथ का काफिला निकलेगा वह मंगलवार सुबह तक गड्ढों में तब्दील थी। चार पहिया वाहन यहां से हिचकोले खाते हुए निकल रहे थे। मंगलवार सुबह से ही इस सड़क की मरम्मत की प्रक्रिया शुरू हुई। नपा द्वारा सड़क पर मुरम डलवाकर इसकी मरम्मत करवाई गई। मरम्मत का यह काम दिनभर चलता रहा।

उन्हें यहीं रास्ता बेहतर लग रहा है
“हमारी योजना में पूर्व मुख्यमंत्री को नपा कार्यालय के सामने स्थित सड़क से ले जाने की थी। उन्हें तालाब के पास वाली मुरम की सड़क से ले जाने की योजना कांग्रेस संगठन की है। कलेक्टर और मैने खुद कांग्रेस पदाधिकारियों से चर्चा कर उन्हें मुख्य सड़क से सभा स्थल तक ले जाने का अनुरोध किया था लेकिन उन्हें यही रास्ता बेहतर लग रहा है। इसी आधार पर हमने अपनी स्तर पर व्यवस्था की है।” – प्रवीण प्रजापति, एसडीएम

आसान है रास्ता
“बस स्टैंड पर आमसभा सुनने के लिए जनसमुदाय मौजूद रहेगा और जनसमुदाय के बीच में से ही यदि प्रदेशाध्यक्ष का काफिला जाता तो लोगों को दिक्कत होती। जिलाध्यक्ष सहित हम सभी ने प्रदेशाध्यक्ष की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया है। वे आसानी से इस तालाब वाले रास्ते से सीधे आमसभा स्थल पर पहुंचेंगे।”
– सुरेश यादव, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष

ये निर्णय गलत है
“कमलनाथ के लिए तय किए गए मार्ग असुरक्षित है। यह वीवीआईपी नेता की सुरक्षा में बड़ी चूक है। जिसने भी ये निर्णय लिया है गलत लिया है।”

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