मध्यप्रदेश के पाठ्य पुस्तकों में बदलाव: 8वीं की हिंदी में परशुराम, 5वीं में महात्मा फुले को पढ़ाया जाएगा

भोपाल डेस्क :

नए शिक्षा सत्र से स्कूल शिक्षा विभाग पाठ्य पुस्तकों में बड़े बदलाव करने जा रहा है। पिछले साल मुगलों से जुड़े पाठ सिलेबस से हटा दिए गए थे। अब नए सत्र से भगवान परशुराम को 8वीं की हिंदी में पढ़ाया जाएगा। इसमें उनके जीवन चरित्र के बारे में बताया जाएगा। वहीं, 5वीं में सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा फुल के जीवन से जुड़े प्रसंगों को भी पढ़ाया जाएगा।

फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। उनके पति ज्योतिबा फुले समाज सुधारक थे। उन्होंने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया। महिलाओं व पिछड़े और अछूतों के उत्थान के लिए इन्होंने अनेक कार्य किए।

शंकर शाह और रघुनाथ शाह भी पाठ्यक्रम में

राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि अगले शिक्षा सत्र यानी 2025 से जनजातीय नायक राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। ये गोंड शासक थे और उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था।

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