राष्ट्रीय वन शहीद दिवस: जाँबाज 4 वन शहीद कर्मियों के आश्रित सदस्यों को एक-एक लाख रूपए की सहायता

भोपाल डेस्क :

प्रदेश में वन एवं वन्य-प्राणी सुरक्षा कार्य में आरोपियों के साथ हुई मुठभेड़, वन्य-प्राणियों का हमला, अग्नि दुर्घटना जैसी विषम परिस्थितियों में जान गंवाने वाले वन विभाग के 4 वन शहीद कर्मियों के आश्रित सदस्यों को एक-एक लाख रूपए और प्रशस्ति-पत्र राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के मौके पर दिए गए। भोपाल के चार इमली स्थित फारेस्ट रेस्ट हाउस परिसर में हुए राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अभय कुमार पाटिल ने आर्थिक सहायता और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए।

उल्लेखनीय है कि वन विभाग द्वारा प्रति वर्ष 11 सितम्बर को राष्ट्रीय वन शहीद दिवस मनाया जाता है। विगत एक वर्ष के दौरान वन विभाग के शहीद हुए वन कर्मियों को आर्थिक सहायता और प्रशस्ति-पत्र मध्यप्रदेश टाइगर फाउन्डेशन सोसायटी के ‘क्लोज टू माई हार्ट’ अभियान से दिया जाता है।

जाँबाज शहीद वन कर्मी

कान्हा टाइगर रिजर्व में दैनिक वेतन भोगी श्रमिक और स्थाई कर्मी के रूप में पदस्थ रहे समरत सिंह मरावी की डयूटी के दौरान हाथी द्वारा आक्रमण किए जाने से मृत्यु हो गई थी।

कान्हा टाइगर रिजर्व में ही आकस्मिक निधि के श्रमिक सुखदेव परस्ते की 23 मार्च 22 को मुक्की परिक्षेत्र के परसाटोला समनापुर वन मार्ग पर डयूटी के दौरान बामपंथी, चरमपंथियों द्वारा गोली मारने से मृत्यु हो गई थी।

दक्षिण सिवनी मण्डल में वन रक्षक गणेश प्रसाद सनोडिया की आमागढ़ चंदन गोदाम के समीप रेत के डम्फर चालक द्वारा लापरवाही पूर्वक तेज गति से टक्कर मारने से मृत्यु हो गई थी।

इसी तरह पन्ना टाइगर रिजर्व में स्थाई कर्मी महावत बुधराम रौतिया की हाथी द्वारा टक्कर मारने से मृत्यु हो गई थी।

वन विभाग के इन 4 जाँबाज शहीद वन कर्मियों के सम्मान में 2 मिनिट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संरक्षण) सी.के. पाटिल, राज्य लघु वनापेज संघ प्रबंध संचालक पुष्कर सिंह सहित अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

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