“मिशन अंकुर”का शुभारंभ: प्रदेश के सभी जिलों का प्रारंभिक शिक्षा में प्रगति पत्रक भी जारी, तीसरी कक्षा तक के बच्चे पढ़ने, लिखने और गिनने में बनेंगे निपुण प्रारंभिक शिक्षा में कौन सा जिला है टॉप और कौन सा है फिसड्डी देखें

भोपाल डेस्क :

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपालन में “निपुण भारत” के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मध्यप्रदेश में “मिशन अंकुर” अभियान नींव का पत्थर साबित होगा। इस अभियान से कक्षा पहली से 3 तक के बच्चों के बुनियादी एवं संख्या ज्ञान को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश की जनजातीय एवं क्षेत्रीय बोलियों एवं भाषाओं में इस अभियान के लक्ष्यों के साहित्य और पाठ्य सामग्री तैयार की गई है, जिससे बच्चे अपनी बोल-चाल की भाषा में ही सुगमता और सहजता से बुनियादी शिक्षा ग्रहण कर सकें। बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने के लिए शैक्षिक कार्यों में शिक्षक एवं शिक्षण अधिकारियों के पूर्ण समर्पण की आवश्यकता है। शिक्षक के सहयोग के बिना “मिशन अंकुर” के लक्ष्यों की प्राप्ति नहीं हो सकती। स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) परमार भोपाल में “मिशन अंकुर” अभियान का शुभारंभ कर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

राज्य मंत्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन के साथ मध्यप्रदेश में कक्षा पहली से तीसरी तक के बच्चों की बुनियादी शिक्षा में वर्ष 2027 तक परिपक्वता एवं आवश्यक सुधार लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रदेश की जनजातीय एवं क्षेत्रीय कुल 8 भाषाओं में “मिशन अंकुर” के लक्ष्यों की पाठ्य सामग्री तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता अनुरूप आने वाले समय में “मिशन अंकुर” को सफल बनाने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों को उन्हीं के क्षेत्र में पदस्थापना में प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे बच्चे अपनी बोलचाल की भाषा में ही बुनियादी शिक्षा सहजता से प्राप्त कर सके।

राज्य मंत्री परमार ने प्रदेश के समस्त प्राथमिक विद्यालयों के लिए “मिशन अंकुर” के लक्ष्य पोस्टर, वीडियो एवं बेसलाइन रिपोर्ट का विमोचन किया। ये “लक्ष्य पोस्टर” मप्र की जनजातीय एवं क्षेत्रीय बोलियों एवं भाषाओं में तैयार किया गया है। गौंडी, भीली, कोरकू सहित कुल 8 भाषाओं में लक्ष्य पोस्टर जारी किए गए हैं।

प्रदेश के सभी जिलों का प्रारंभिक शिक्षा में प्रगति पत्रक भी जारी किया। स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जिलों में संपादित किए जा रहे कार्यों के आधार पर सत्र 2022-23 के द्वितीय त्रैमास(माह सितंबर, अक्टूबर एवं नवंबर) की जिलों की रैकिंग तय की गई है। इस रैंकिंग में खंडवा, छतरपुर, छिंदवाड़ा, शहडोल एवं बालाघाट क्रमशः शीर्ष पाँच जिले हैं।

संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस ने मध्यप्रदेश में एफएलएन(फाउंडेशन, लिट्रेसी, न्यूमरेशन) सर्वे रिपोर्ट पर प्रकाश डाला और “मिशन अंकुर” के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए किए जा रहे व्यापक प्रयासों को साझा किया। अपर मिशन संचालक लोकेश जांगिड़ ने “मिशन अंकुर” के संदर्भ में “बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान” सहित निपुण भारत के एकीकृत लक्ष्य पर विस्तृत जानकारी दी।

सहयोगी संस्था द एजुकेशन अलायंस के प्रमुख अमिताभ बिरमानी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के अधिकारीगण उपस्थित रहे। राज्य शिक्षा केन्द्र के पाठ्यक्रम नियंत्रक डॉक्टर अशोक पारीक ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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