उम्र 100 के पार, फिर भी मतदान का नाम सुनते ही चल पड़ते हैं कदम, 100 या इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग मतदाताओं की सभी जिलों से मांगी जानकारी

100 या इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग मतदाताओं को अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस एक अक्टूबर को सम्मानित करेगा निर्वाचन आयोग

भोपाल डेस्क :

आगर-मालवा जिले की रहने वाली बुजुर्ग महिला मतदाता झूमाबाई की उम्र 108 वर्ष है, लेकिन मतदान का जज्बा ऐसा है कि नाम सुनते ही कदम खुद ही चल पड़ते हैं। अगर कोई मना भी करे तो कहती हैं कि लोकतंत्र को चुनना हमारा अधिकार है, हम पीछे क्यों हटें। कुछ ऐसा ही हाल सागर जिले की विधानसभा बंडा के गोरा खुर्द निवासी 107 वर्षीय श्री रामबालक दास का भी है। मताधिकार को लेकर इनका उत्साह भी देखते ही बनता है। मतदान करना कभी नहीं भूलते। अब तक के सबसे बुजुर्ग मतदाता उज्जैन के तराना विधानसभा क्षेत्र के सालना खेड़ी कॉलोनी निवासी 118 वर्षीय धन्ना जी हैं।

आयोग द्वारा स्वत्रंत भारत के प्रथम आम चुनाव से अब तक निरंतर चुनावी प्रक्रिया में अपना अमूल्य योगदान देकर लोकतंत्र को मजबूत बना रहे 100 वर्ष या इससे अधिक की आयु पूरी कर चुके बुजुर्ग मतदाताओं को सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर दिया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजन ने बताया कि प्रदेश के सभी 52 जिलों की 230 विधानसभा क्षेत्र में 100 वर्ष या इससे अधिक की आयु पूरी कर चुके मतदाताओं की जानकारी जिलों से मँगवाई जा रही है। इसके लिए एक सम्मान एप भी बनाया गया है। एक अक्टूबर को घर-घर जाकर शतायु मतदाताओं को सम्मानित किया जाएगा।

Exit mobile version