अस्थायी कर्मचारियों के लिए विभागीय परीक्षा, साइकिल चलाओ, पक्की नौकरी पाओ: मंत्रालय में जॉब दिलाने के लिए 15 मंत्रियों ने की सिफारिश

भोपाल डेस्क :

क्या आपको साइकिल चलाना आता है तो पहले चला कर दिखाओ…। ये किसी सरकारी अधिकारी का कोई आदेश या निर्देश नहीं है, बल्कि मंत्रालय में मंत्री की स्थापना के तहत कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों की विभागीय परीक्षा का एक हिस्सा है। इस परीक्षा के जरिए इन अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाता है। मंत्रालय में अब यह कवायद तेज हो गई है। इसकी वजह यह है कि डॉ. नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, विश्वास सारंग समेत 15 मंत्रियों ने इन कर्मचारियों को नियमित करने की सिफारिश करते हुए नोटशीट लिख दी है।

इनकी इस विभागीय परीक्षा में जो कर्मचारी जितने साल से कार्यरत है, उस हिसाब से 1 साल का एक बोनस अंक भी दिया जाता है। खुद सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने भी नियमितीकरण की एक सिफारिश की हुई है। उन्होंने भास्कर से कहा कि हां मैंने भी सिफारिश की है, लेकिन ये सब प्रक्रिया के तहत ही है। यूनियन लीडर सुधीर नायक ने बताया कि इन कर्मचारियों को नियमित करने से राज्य सरकार पर कोई आर्थिक बोझ नहीं आएगा क्योंकि अभी इन्हें चतुर्थ श्रेणी का ही नियमित वेतनमान 15500 -49000 मिल रहा है। रेगुलर होने से यह फायदा होगा कि सरकार बदलने पर भी इन्हें हटाया नहीं जाएगा। गृह भाड़ा भत्ता ( एचआरए ) सहित अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।

इन्होंने लिखी है नोटशीट- अभी ऐसे 250 पद खाली, कर्मचारी 200 ही

आगे क्या- चुनाव में 9 महीने, 3 महीने में आ जाएंगे आदेश

एक मंत्री को उनके कार्यकाल के दौरान 7 कर्मचारियों को बंगले पर रखने की पात्रता है, जो मंत्री का कार्यकाल पूरा होने तक रहेंगे। विधानसभा चुनाव से 9 महीने पहले मंत्रियों ने अपने स्टाफ में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए सिफारिश की है। मंत्रियों ने नोटशीट की कॉपी मुख्यमंत्री को भी भेजी है। परीक्षा का दौर शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि अगले तीन महीनों में इनकी स्थायी नियुक्ति के आदेश हो जाएंगे। इनमें ज्यादातर जमादार, भृत्य और चौकीदार के रूप में काम कर रहे हैं। 11 साल से इन कर्मचारियों की मंत्रालय में स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है।

मंत्रियों ने सिफारिश की है, जल्द नियमित करेंगे

15 मंत्रियों ने सिफारिश की है। शासन के पहले से ही नियम बने हैं। इन कर्मचारियों का जल्द नियमितीकरण होगा।
– रमेश चंद्र शर्मा, चेयरमैन, राज्य कर्मचारी कल्याण समिति (जीएडी)

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