अशोक विजयदशमी: वक्ताओं ने बताया चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के पश्चात मानवता और बौद्ध धर्म के मार्ग को अपनाते हुए अहिंसा, शांति और सामाजिक समरसता का संदेश दिया

आनंदपुर डेस्क :
लटेरी तहसील के ग्राम काला देव में सम्राट अशोक विजयदशमी का पर्व बड़े ही श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। शासकीय हाई स्कूल प्रांगण में स्थित संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण, सामाजिक कार्यकर्ता और युवाओं ने मिलकर सम्राट अशोक की जयंती जैसे इस पर्व को सामूहिक रूप से मनाया।
कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर की गई, जिसके बाद वक्ताओं ने चक्रवर्ती सम्राट अशोक के जीवन, आदर्शों और उनके द्वारा समाज को दिए गए बौद्धिक संदेशों पर विस्तार से प्रकाश डाला। वक्ताओं ने बताया कि विजयदशमी का यह पर्व केवल धार्मिक या सांस्कृतिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज ही के दिन चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के पश्चात मानवता और बौद्ध धर्म के मार्ग को अपनाते हुए अहिंसा, शांति और सामाजिक समरसता का संदेश दिया था।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि सम्राट अशोक ने भारत की धरती को विश्वभर में शांति और करुणा का संदेश देने वाला राष्ट्र बनाने की दिशा में कार्य किया। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और समाज को सही दिशा दिखाते हैं। इसलिए सम्राट अशोक विजयदशमी का यह पर्व न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में श्रद्धा और आदर के साथ मनाया जाता है।
ग्राम काला देव में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि हमें अशोक जैसे महान सम्राट के जीवन से प्रेरणा लेकर समानता, भाईचारे और न्याय की राह पर चलना चाहिए। इस दौरान युवा वर्ग ने भी उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिलकर सामाजिक एकता और सद्भावना बनाए रखने का आह्वान किया।
कुल मिलाकर काला देव ग्राम में मनाई गई सम्राट अशोक विजयदशमी एक ऐसा आयोजन रहा, जिसने इतिहास, संस्कृति और सामाजिक समरसता को एक साथ जोड़कर लोगों को प्रेरणा और ऊर्जा से भर दिया।