आनंदपुर में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे ग्रामीण, 88 लाख की रिवाइज पाइपलाइन अब तक शुरू नहीं — तीन टंकियां, दो ट्यूबवेल और फिर भी प्यासा गांव!

आनंदपुर डेस्क : सीताराम वाघेला
विदिशा जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायतों में शुमार आनंदपुर बरसात बीत जाने के बाद भी पानी के संकट से जूझ रही है। गांव के नल कभी दो दिन में, कभी तीन दिन में, तो कभी चार-चार दिन बाद ही पानी देते हैं। हालात ऐसे हैं कि 6 हजार से अधिक की आबादी वाले इस बड़े गांव के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते नजर आ रहे हैं।
समस्या का सबसे बड़ा कारण वह रिवाइज पाइपलाइन योजना है, जिसे स्वीकृति तो मिल चुकी है, लेकिन काम अब तक शुरू नहीं हुआ। इस योजना के तहत 88 लाख रुपए की लागत से नई पाइपलाइन बिछाने और इसे पानी की टंकी से जोड़ने की मंजूरी दी गई थी। योजना का उद्देश्य था कि गांव में एक सुव्यवस्थित जल सप्लाई लाइन बनाई जाए जिससे हर घर तक नियमित पानी पहुंच सके। लेकिन एक साल गुजर जाने के बाद भी इस काम की शुरुआत तक नहीं हुई है।
रिवाइज पाइपलाइन पर रुका काम, टेंडर तक की जानकारी नहीं
ग्राम पंचायत आनंदपुर के सरपंच हरि बल्लभ शर्मा ने बताया कि “इस रिवाइज पाइपलाइन के तहत आनंदपुर से करीब ढाई किलोमीटर दूर शाहपुर में दो ट्यूबवेल लगाए जा चुके हैं। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू नहीं हुआ। हमें तो यह तक जानकारी नहीं है कि इस काम का रिवाइज टेंडर हुआ भी है या नहीं।”
सरपंच का कहना है कि जब तक यह नई पाइपलाइन नहीं जुड़ती, तब तक गांव में नियमित सप्लाई संभव नहीं है। वर्तमान में आनंदपुर में केवल 40 पाइपलाइनें हैं, जिनमें से कई लाइनों में दबाव इतना कम होता है कि ऊंचे इलाकों के घरों तक पानी पहुंच ही नहीं पाता।
तीन टंकियां, लेकिन एक भी पर्याप्त नहीं
गांव में वर्तमान में तीन पानी की टंकियां हैं। इनमें से एक टंकी वर्ष 2016-17 में बनाई गई थी, लेकिन टेस्टिंग में फेल हो जाने के कारण आज तक चालू नहीं हो सकी। बाकी दो टंकियों से ही पूरे गांव को पानी दिया जा रहा है, जो कि 6000 से अधिक की आबादी के लिए नाकाफी है।
पानी की सप्लाई व्यवस्था की हालत यह है कि एक ही लाइन से करीब 70 कनेक्शन जुड़े हुए हैं। नई रिवाइज पाइपलाइन डालने से लगभग 20 नई लाइनें और जुड़ जाएंगी, जिससे हर मोहल्ले में समान रूप से पानी की आपूर्ति हो सकेगी।
ग्रामीणों की बढ़ती नाराजगी
गांव के निवासी बताते हैं कि बरसात बीत जाने के बाद अब स्थिति और गंभीर हो गई है। कई बार लोग सुबह चार बजे से ही पानी भरने के लिए कुंआ का रुक करने लगते हैं, क्योंकि नलों में प्रतिदिन पानी की सप्लाई नहीं होती।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और विभागीय अधिकारी केवल आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं दिख रहा। यदि यह रिवाइज पाइपलाइन योजना शीघ्र शुरू नहीं की गई, तो आने वाले महीनों में जल संकट और विकराल रूप ले सकता है।
आवश्यकता कार्रवाई की, वादों की नहीं
आनंदपुर जैसे बड़े ग्राम पंचायत में 88 लाख की स्वीकृत योजना पर काम न होना सिर्फ विभागीय लापरवाही को उजागर करता है। ग्रामीण अब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शासन और प्रशासन जल्द हस्तक्षेप कर इस योजना को शुरू करवाए, ताकि आनंदपुर के हर घर में पानी की नियमित सप्लाई हो सके और लोगों को राहत मिले।