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रानी अवंतिबाई का बनेगा भव्य स्मारक और पार्क, उकेरी जाएगी वीरगाथाएँ: शिवराज सिंह बोले – वीरांगना रानी अवंतिबाई ने मातृ-भूमि के लिए बलिदान दिया

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वीरांगना रानी अवंतिबाई ने अपने अस्तित्व के लिए संपूर्ण क्षमता से लड़ते हुए मातृ-भूमि के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया। उन्होंने वर्ष 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के विरुद्ध निरंतर संघर्ष कर युद्ध कौशल, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्र प्रेम का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रानी अवंतिबाई द्वारा जबलपुर, मण्डला और डिंडोरी क्षेत्रों में किए गए युद्धों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी रानी अवंतिबाई, राजा शंकरशाह-रघुनाथ शाह और जनजातीय जननायकों को याद रखे, इसके लिए पाठ्यक्रमों में भी इनकी वीरगाथाएँ शामिल की जाएगी। साथ ही वीरांगना रानी के प्रतिमा स्थल मनकेड़ी में उनका भव्य स्मारक और पार्क बनाया जाएगा। स्मारक में रानी अवंतिबाई की वीरगाथाएँ भी उकेरी जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान आज जबलपुर जिले के बरगी के मनकेड़ी में वीरांगना रानी अवंतिबाई के बलिदान दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मैं वीरांगना अवंतिबाई की जन्म-स्थली पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। मुख्यमंत्री ने वीरांगना की शौर्य गाथा का वर्णन करते हुए कहा कि अंग्रेज अधिकारी और प्रमुख इतिहासकार भी उनके रणनीतिक कौशल की प्रसंशा करते थे। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में मनाये जा रहे आज़ादी के अमृत उत्सव में वीर शहीदों और जनजातीय जननायकों के स्मारक बनाये जा रहे हैं। साथ ही मध्यप्रदेश में भी स्मारक बनाने का क्रम जारी है। उन्होंने स्वतंत्रता समर के दौरान अपने बलिदान से देश की आज़ादी में अमूल्य योगदान देने वाले महापुरूषों और क्रांतिकारियों को मंच से याद किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि रानी अवंतिबाई सागर परियोजना में ज़्यादा से ज्यादा गाँव तक सिंचाई के लिए पानी पहुँचाने का हरसंभव प्रयास किया जायेगा। इसके लिये प्रोजेक्ट बनाकर तत्काल सर्वे के निर्देश जारी किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा निरन्तर बढ़ रहा है। एक समय मात्र साढ़े 7 लाख हेक्टयर में सिंचाई होती थी, जिसे बढ़ा कर 45 हजार हेक्टेयर तक ला दिया गया है। आगामी 2 सालों में यह बढ़ कर 65 लाख कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के खेतों की प्यास बुझाने के लिये चौतरफा प्रयास जारी हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता है कि आज आपने महाविद्यालय का नाम राजा रघुनाथ शाह-शंकर शाह के नाम पर रखने की बात कही है। इसके पूर्व हम छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी का नाम राजा रघुनाथ शाह-शंकर शाह के नाम पर कर चुके हैं। प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने रानी अवंतिबाई प्रतिमा एवं चित्र पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किये। मुख्यमंत्री ने कन्या-पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विधायक जालम सिंह पटेल ने भी संबोधित किया। अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग गौरी शंकर बिसेन, अध्यक्ष गो-संवर्धन बोर्ड स्वामी अखिलेश्वरानन्द जी महाराज, ज़िला पंचायत अध्यक्ष संतोष वरक़ड़े सहित जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित थे।

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