वन्य-प्राणी संरक्षण कानून के दोषी 27 आरोपी को 5-5 साल का सश्रम कारावास, साथ ही 7 लाख 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड भी

भोपाल डेस्क : 

वन्य-जीव संरक्षण अधिनियम-1972 की धारा 51(1) में दोषी पाए गए 27 आरोपियों को 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास और 7 लाख 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। विशेष न्यायालय नर्मदापुरम द्वारा सोमवार को यह फैसला सुनाया गया।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) जे.एस. चौहान ने बताया कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व द्वारा वन्य-प्राणी बाघ और पेंगोलिन अंगों के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अवैध व्यापार और तस्करी संबंधी अपराध में वन्य-जीव संरक्षण अधिनियम-1972 की विभिन्न धाराओं में 7 साल पहले 13 दिसम्बर 2015 को प्रकरण दर्ज किया गया था।

चौहान ने बताया कि प्रकरण की गंभीरता और आरोपियों की अंतर्राष्ट्रीय गिरोह से संलिप्तता को देखते हुए स्ट्राइक फोर्स मध्यप्रदेश को हस्तांतरित किया गया। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स और क्षेत्रीय टाइगर रिजर्व फोर्स नर्मदापुरम द्वारा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के सहयोग से 29 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 2 आरोपियों की मृत्यु हो गई। प्रकरण में पूर्व में गिरफ्तार अंतर्राष्ट्रीय मुख्य सरगना जेई तमांग फरार है। इस आरोपी के विरूद्ध इंटरपोल द्वारा रेड कार्नर नोटिस जारी किया गया है।

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