बिजली के पोल पर काम करते समय सप्लाई चालू करने से एक संविदाकर्मी की करंट लगने से मौत से मौत, बिजली के पोल पर 5 घंटे पड़ा रहा शव: नीचे परिजन और ग्रामीण मुआवजे की मांग पर अड़े रहे

जयपुर डेस्क :

बिजली के पोल पर काम करते समय सप्लाई चालू करने से एक संविदाकर्मी की करंट लगने से मौत हो गई। अधिकारियों के समय पर नहीं पहुंचने और मुआवजे की मांग को गुस्साए परिजन और ग्रामीण अड़ गए। उन्होंने शव पोल से नहीं उतारने दिया। इससे शव पोल पर लटका रहा। पांच घंटे बाद समझौता होने पर शव को उतारा गया। मामला मलारना डूंगर उपखंड के खिरनी कस्बे का है।

बिजली सप्लाई का शटडाउन लेकर रविवार को बिजली के पोल पर काम करने के दौरान जीएसएस से बिजली सप्लाई चालू करने से एक संविदाकर्मी राजेश रैगर की मौत हो गई। ग्रामीणों ने बिजली निगम कर्मचारियों, पुलिस व प्रशासन को मामले से अवगत कराया। मगर करीब 2 घंटे के बाद भी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बिजली निगम का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा जिससे ग्रामीण भड़क गए और उन्होंने खिरनी-बौंली सड़क मार्ग पर जाम लगा दिया।

सूचना के बाद मलारना डूंगर एसडीएम किशन मुरारी मीणा, तहसीलदार सत्य प्रकाश गुप्ता, बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार बुजैठिया, सहायक अभियंता नरेंद्र बजाड, सीओ तेज कुमार पाठक पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। घटना की जानकारी मिलते ही भाजपा कार्य समिति सदस्य आशा मीणा, पूर्व विधायक मोतीलाल मीणा, मलारना डूंगर प्रधान देवपाल मीणा, बौली प्रधान कृष्ण पोसवाल, ग्राम पंचायत सरपंच रूप सिंह डोई भी मौके पर पहुंचे।

5 घंटे शव पोल पर लटका रहा
सुबह 9 बजे बिजली पोल पर राजेश रैगर (28) पुत्र ओमप्रकाश निवासी खिरनी अपने भाई चौथमल के साथ काम कर रहा था। इसी दौरान करंट चालू हो जाने से वह चिपक गया। करंट लगते ही वह कांपने लगा तो चौथमल को पता लग गया कि वह करंट की चपेट में आ गया है। राजेश के चिपकने पर उसके भाई चौथमल ने शोर मचाया। जिसे सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे।

इस दौरान मृतक के परिजन और ग्रामीण मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग पर अड़े हुए हैं। परिजनों ने मृतक के शव को बिजली के पोल से उतारने से मना कर दिया। जिसके बाद जनप्रतिनिधि और प्रशासन के बीच एक दौर की वार्ता हुई। मगर किसी भी प्रकार का परिणाम नहीं आने के बाद फिलहाल गतिरोध बना हुआ है। मृतक के शव को फिलहाल बिजली के पोल पर लटके हुआ है। करीब 4 घंटे से अधिक का समय गुजर गया, लेकिन परिजनों के साथ किसी भी प्रकार की सहमति नहीं बनी है।

यह हुआ समझौता
दोपहर करीब दो बजे परिजनों और बिजली निगम के बीच समझौता होने पर शव उतारा गया। SDM किशन मुरारी मीणा ने बताया कि सुबह 9 बजे बिजली पोल पर काम कर रहा था। इसी दौरान यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार को पांच लाख रुपए सरकार और पांच लाख रुपए निगम कर्मचारियों की ओर दिए जाएंगे। परिवार के एक व्यक्ति संविदा पर नौकरी दी जाएगी। लाइनमैन ऋषिकेश मीणा को निलंबित कर दिया गया है। जांच में दोषी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राजेश के पिता की पहले मौत हो चुकी है। राजेश के एक तीन साल का बच्चा और एक पांच साल की बच्ची है।

जांच कमेटी गठित की

Exen बुजेठिया का कहना है कि गलती कैसे हुई, किसने गलती की है। इसके लिए एक जांच कमेटी का गठन किया गया है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। परिजनों के साथ लिखित में समझौता किया गया है। जिसे अब लागू किया जाएगा। वहीं मामले को लेकर भाजपा नेता आशा मीणा का कहना है कि समझौता अगर समय लागू नहीं करने पर बड़ा आन्दोलन किया जाएगा।

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