गौवंशीय पशुओं को लम्पी रोग से बचाव के लिए 13 लाख 63 हजार पशुओं में टीकाकरण प्रतापगढ़ एवं झालावाड़ जिले में टीकाकरण 1 लाख के पार

जयपुर डेस्क :

राज्य में गौवंशीय पशुओं में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज को लेकर पशुपालन विभाग द्वारा सजगता एवं संवेदनशीलता के साथ सभी आवश्यक कदम उठाएं जा रहे हैं। कॉन्फेड के माध्यम से जिलों को आवश्यक औषधियों की आपूर्ति जल्द से जल्द करने के साथ तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 13 लाख 63 हजार पशुओं में टीकाकरण किया जा चुका है। प्रतापगढ़ एवं झालावाड़ जिलों में 1 लाख से अधिक पशुओं में टीकाकरण कर दिया है। 

पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन एवं पशुपालन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गौवंशीय पशुओं में टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक अजमेर जिले में 55883, कुचामन सिटी में 37697 भरतपुर में 61222, चित्तौड़गढ़ में 86292, अलवर में 80590, जयपुर में 34763, झुन्झुनूं में 3796, बांसवाड़ा में 88000, राजसमन्द में 9328, कोटा में 75233, बूंदी में 75315, बांरा में 98188, झालावाड़ में 102993, प्रतापगढ़ में 100399, उदयपुर में 70576 सहित 29 जिलों में 13.63 लाख पशुओं में टीकाकरण किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लम्पी से प्रभावित 13.03 लाख पशुओं में से अब तक 12.49 लाख पशुओं का उपचार किया जा चुका है जिसमें 7.73 लाख पशु स्वस्थ हो चुुके हैं।

पशुपालन विभाग के शासन सचिव पीसी किशन ने बताया कि सम्बन्धित विभागों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं एवं गैर सरकारी संगठनों से मिल रहे सहयोग से शीघ्र ही लम्पी रोग पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज के उपचार एवं फॉलोअप के लिए औषधियों की एक किट बनाकर पशुपालकों को वितरित करने के आदेश जारी किये गये।

किशन ने बताया कि हाल ही में पशु चिकित्सकों एवं पशुधन सहायकों की नियुक्तियों से टीकाकरण अभियान को गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि लम्पी रोग से मृत पशुओं का निस्तारण वैज्ञानिक विधि से किये जाने में ग्राम पंचायत, पंचायत समितियों एवं स्थानीय निकाय से अपेक्षित सहयोग मिल रहा है।

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