विजयवर्गीय की बड़ सकती हैं मुश्किल: बयानों की रिपोर्ट चुनाव आयोग तक पहुंची, इंदौर कलेक्टर बोले- अब जो निर्णय लेगा, आयोग ही लेगा

इंदौर डेस्क :

इंदौर-1 सीट से भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय के ’51 हजार रुपए नकद इनाम’ वाले बयान पर कलेक्टर ने चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेज दी है। अब इस पर चुनाव आयोग कोई फैसला लेगा। हालांकि, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि ये मामला आचार संहिता लगने से पहले का है, इसलिए ये आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर का है। कार्रवाई की संभावना नहीं है। आयोग इस पर कोई एडवायजरी जारी कर सकता है।

इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी ने बताया कि आयोग ने जांच प्रतिवेदन मांगा था, जो उन्होंने कल भेज दिया है। अब जो निर्णय लेगा, चुनाव आयोग लेगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने भी रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है।

बता दें कि विजयवर्गीय के खिलाफ आचार संहिता लागू होने के बाद मतदाताओं को प्रलोभन देने और अधिकारियों को धमकाने संबंधी शिकायत आयोग से की गई थी, इसलिए आयोग ने जांच रिपोर्ट मांगी।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अफसरों के मुताबिक अभी इंदौर कलेक्टर की रिपोर्ट नहीं देखी गई है। अगर मतदाताओं की सभा को संबोधन का मामला होगा तो आयोग निर्णय लेगा। अगर कार्यकर्ताओं की बैठक का मामला होगा तो अलग बात है।

ये हैं वो बयान, जिन पर शिकायत की गई..

6 अक्टूबर को कही थी 51 हजार रुपए इनाम देने की बात

विजयवर्गीय ने इंदौर के वार्ड – 5 में जनसंपर्क के दौरान अपने संबोधिन में कहा था कि जिस बूथ पर कांग्रेस को एक भी वोट नहीं मिलेगा, मैं उस बूथ अध्यक्ष को 51 हजार रुपए का नकद इनाम दूंगा।

दो लाख साड़ियां बंटवाने का भी लगाया था आरोप

विजयवर्गीय ने जनता को संबोधित करते हुए यह भी कहा था कि मैं जहां भी रहा, वहां मैंने विकास कराया है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-चार में विधायक बना तो वहां विकास हुआ। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-दो और महू में विधायक रहने के दौरान विकास कार्य करवाए। उन्होंने सभा में किसी का नाम लिए बगैर कहा था कि यहां प्रतिद्वंद्वी ने दो लाख साड़ियां बंटवाई है, लेकिन इसका असर नहीं होगा, क्योंकि उन्होंने कोई काम नहीं कराए हैं।

ये हैं विजयवर्गीय के कुछ चर्चित बयान –

  • 27 सितंबर – मेरी चुनाव लड़ने की एक पर्सेंट इच्छा नहीं थी। हेलिकॉप्टर से जाकर सभा करते। कौन हाथ जोड़ने जाता।
  • 4 अक्टूबर – एमपी में ऐसा कोई अफसर पैदा नहीं हुआ, जो मेरा काम न करे।
  • 4 अक्टूबर – मैं खाली विधायक बनने नहीं आया हूं। मुझे और भी कुछ बड़ी जवाबदारी मिलेगी।
  • 6 अक्टूबर – मैं भोपाल से इशारा करूंगा और यहां काम हो जाएगा।
  • 6 अक्टूबर – जिस पोलिंग बूथ में एक भी वोट कांग्रेस को नहीं मिलेगा, उस बूथ के अध्यक्ष को 51 हजार रुपए दूंगा।
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