सोयाबीन की फसल में फलियां गिरने की समस्या, कारण एवं निदान, कृषि वैज्ञानिक एवं अधिष्ठाता डॉ वीके गर्ग ने कृषकों को दी सलाह

विदिशा डेस्क :

वर्तमान समय में सोयाबीन की फसल में फलिया गिरने की समस्या देखने को मिल रही है। निरन्तर एवं अत्याधिक वर्षा होने के कारण तथा जल निकास का उचित प्रबंधन न होने के कारण सोयाबीन के पौधों की जड़ों में पर्याप्त वायु संचार (अवायवयी) न होने के कारण फलिया गिरने की समस्या पैदा हो जाती है। बाधित बीज की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। अत्याधिक वर्षा तथा जल भराव के कारण बीमारियों के लिये भी अनुकूल स्थिति उत्पन्न हो जाती है। वर्तमान समय में ऐसी परिस्थिति में वायुवी अंगमारी (।मतपंस ठसपहीज) नामक बीमारी भी दिखाई दे रही है। इस बिमारी में पत्तियों तथा फलियों पर हल्के बेंगनी रंग के धब्बे बन जाते है और इस स्थिति में फलियां गिरने लगती है।

     कृषि महाविद्यालय गंजबासौदा के कृषि वैज्ञानिक एवं अधिष्ठाता डॉ वीके गर्ग ने कृषकों को सलाह दी है कि वह खेत में उचित जल निकासी का प्रबंध करे। साथ ही यदि वायुवी अंगमारी का प्रकोप दिखाई दे रहा है, तो हैक्जाकोनाजोल या टेबूकोनाजोल की 1 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें।

     जब फसल पर सेमीलूपर एवं चने की इल्ली का प्रकोप होता है तो भी फलियां गिरने लगती है एवं ऐसी फलियों पर छिद्र दिखाई देते है। इनके रोकथाम के लिये किसान भाईयो को इमामेक्टिन बेन्जोएट 200 ग्राम या फ्लूबेनडामाइड या क्लोरोन्ट्रानीलीप्रोल की 150 मिली मात्रा को प्रति हैक्टेयर छिड़काव करना चाहिये।

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