घर से 20 किलोमीटर दूर जंगल में फांसी से लटका मिला अधेड़ का शव: मृतक का बेटा बोला, गुटखा लेने गए थे फिर लौटकर नही आए, मौत पर जताया संदेह

जबलपुर डेस्क :

सोमवार का दिन था, तारीख थी 22 जून…समाज में शादी थी तो पिताजी बारात में गए थे, वहां से लौटकर आए तो मां ने पूछा कहा जा रहें हो, पिताजी का कहना था बस अभी गुटका लेकर आ रहा हूं , इसके बाद जो गांव से गए तो फिर लौटकर नही आए। तब से लेकर आज तक हम लोग उन्हें तलाश रहें, पनागर थाने में 23 मई को गुमशुदगी भी दर्ज करवाई , पर पता नही घर से 20 किलोमीटर दूर जंगल में कैसे उनकी लाश फांसी से लटकी मिली, अगर उन्हें आत्महत्या करना होता तो घर के आसपास कर लेते, इतनी दूर क्यों जाते। ये तमाम जानकारी पुलिस को दी है मृतक राजकुमार के बेटे अरुण ने और सवाल भी उठाए है अपने पिता की मौत पर।

पनागर थाना के ग्राम बधोड़ा में रहने वाले राजकुमार चौधरी(42) का इंद्राना पुलिस चौकी अंतर्गत पावर हॉउस से करीब दो किलोमीटर दूर जंगल में फांसी पर लटका हुआ मिला। शव कि शिनाख्त बेटे अरुण ने राजकुमार के हाथों में पहनी हुई अंगूठी से की। शव के आसपास मृतक के कपड़े और जूते भी पड़े हुए थे। शव की शिनाख्ती के बाद पुलिस ने पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कालेज भेज जांच शुरू कर दी। पुलिस पूछताछ में मृतक के बेटे अरुण ने बताया बारात से आने के बाद से ही पिता परेशान थे, थोड़ी देर के लिए घर आए और फिर बाहर कही चले गए।

मृतक राजकुमार के बेटे अरुण का कहना है कि पिता जी का किसी के साथ विवाद नही था, पिता मजदूरी करते थे, और काम से लौटकर घर आने के बाद ज्यादातर समय घर पर ही रहते थे। अरुण के मुताबिक उनका कोई रिश्तेदार इंद्राना में नही रहता है, इसलिए पिता के वहां जाने का सवाल ही नही उठता है। पिता का जंगल में जाकर फांसी लगाना कही ना कही उनकी हत्या की और इशारा करता है। अरुण का कहना था कि अगर उन्हें फांसी लगाकर आत्महत्या करना ही था तो वह कपड़े और जूते क्यों उतारते।

इंद्राना पुलिस चौकी के मुताबिक गुरुवार की दोपहर को सूचना मिली थी कि पंपहॉउस के पास जंगल में एक अधेड़ का शव पेड़ से लटका हुआ है मौके पर जाकर जब देखा तो मृतक कि शिनाख्त पनागर निवासी राजकुमार चौधरी के रूप में हुई है, मृतक के बेटे अरुण के बयान दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, इसके साथ ही पीएम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

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