पेंडेंसी का बोझ बढ़ा: प्रदेश में 120 विभागों के 80 हजार कर्मचारी 54 दिन से हड़ताल पर

जयपुर डेस्क :

प्रदेश में 120 विभागों के 80 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी 54 दिन से हड़ताल पर हाेने से आमजन के कार्य प्रभावित हाे रहे हैं। इस आंदोलन का आम लाेगाें के काम काज पर असर पड़ रहा है। अकेले जयपुर जिले में ही ईडब्लूएस, मूल निवास, जाति प्रमाण पत्राें की करीब दाे हजार पेंडेंसी चल रही है। पेंडेंसी बढ़ने के चलते जिले में पटवारियों काे इस कार्य में लगाया है।

मूल निवास प्रमाण पत्र, हैसियत प्रमाण पत्र, वसीयत, विक्रम पत्र, पंचायतों के पट्टे, जन आधार कार्ड, राशन कार्ड सहित सरकार की विभिन्न योजनाओं के काम अटके हैं। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा, सूचना का अधिकार, पालनहार सहित अन्य काम भी नहीं हो पा रहे हैं, जिससे आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जेडीए में पट्टे, आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस, सामाजिक न्याय अधिकारिता में पेंशन मामले अटके हैं।

इसका हल खोजो सरकार; रजिस्ट्री, आरजीएचएस, आरटीओ सहित कई विभागों में अटके काम

जयपुर कलेक्ट्रेट में 350 कर्मचारियों में से करीब 200 कर्मचारी हड़ताल पर चल रहे हैं। जेडीए में 200 मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर हाेने के कारण पट्टे, नाम स्थानांतरण संबंधी करीब 5 हजार मामले अटके हुए हैं। पंजीयन मुद्रांक में जयपुर में जहां 700 रजिस्ट्री हाेती थी, अब 300 हाे रही हैं। आबकारी के 150 कर्मचारी हड़ताल पर हाेने से होटलों में बार लाइसेंस व पार्टी में लीकर की अनुमति प्रभावित हाे रही है। सहकारिता के 80 कर्मचारी हड़ताल पर हाेने से को-ऑपरेटिव के कार्य नहीं हाे रहे। वित्त भावन में 300 कर्मचारी काम पर नहीं जा रहे हैं। जिससे आरजीएचएस व अस्पतालों के पेमेंट नहीं हाे पा रहे हैं। आरटीओ में जहां प्रतिदिन 400 ड्राइविंग लाइसेंस बनते है, अभी 100 लाइसेंस ही बन पा रहे हैं। सेल टैक्स में जीएसटी की जांच नहीं हाेने और शहर में बाहर से आने वाली वस्तुओं के टैक्स की गणना नहीं हाे रही है।

5 कर्मचारियों की माैत, 3 काे आया हार्ट अटैक

राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजसिंह चाैधरी, महासंघ के महामंत्री वीरेंद्र दाधीच ने बताया कि अब तक 5 कर्मचारियों का देहांत हाे चुका, तीन कर्मचारियों के हार्ट अटैक आ गया। इधर, कर्मचारियों की हड़ताल को अब हाउसिंग बोर्ड कर्मचारी महासंघ ने समर्थन दिया है। राजस्थान आवासन मंडल के अध्यक्ष दशरथ सिंह के नेतृत्व में महापड़ाव में उपस्थित होकर समर्थन देने की घोषणा की।

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