एसएमएस अस्पताल को मिली 34.5 करोड़ रूपए की चार अत्याधुनिक मशीनें -मरीजों की सटीक जांच और उपचार में मिलेगी मदद

जयपुर डेस्क :

राज्य सरकार प्रदेशवासियों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है तथा आमजन के बेहतर इलाज में बजट की कोई कमी नहीं आने देगी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को सवाई मानसिंह चिकित्सालय में नवीन सुविधाओं के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि अस्पताल में नई जांच मशीनों के लगने से रोगियों के उपचार में सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हर घर को प्रभावित करती है। पहले जहां आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति महंगा इलाज कराने से कतराता था, वहीं आज चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लागू होने से गरीब व्यक्ति को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है। राज्य सरकार की नीतियों से आज एसएमएस अस्पताल देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों के समकक्ष खड़ा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना में प्रदेश के चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने शानदार कार्य किया, जिसकी पूरे देश में सराहना हुई। राजस्थान में मंहगी दवाएं व जांचों के साथ-साथ अब कॉक्लीयर इम्पलांट जैसा महंगे इलाज निःशुल्क मिल रहे हैं। प्रदेश के 33 में से 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं, जिनमें फेकल्टी, आधारभूत सुविधाओं और उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवा एक मानवीय कार्य है तथा इसमें हड़ताल होने से मरीजों को काफी समस्याएं आती हैं। अतः इससे परहेज किया जाना चाहिए। राज्य सरकार चिकित्सकों की सभी समस्याएं सुनने तथा हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने निजी चिकित्सालयों से राइट टू हैल्थ बिल को लागू करने में सहयोग करने की अपील की।

एसएमएस को मिली अत्याधुनिक जांच मशीनें व अन्य उपकरण

एसएमएस अस्पताल में 12 करोड़ रूपए की लागत की स्पैक्ट्रल सिटी स्केन मशीन का मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पण सोनी सिटी एमआरआई सेन्टर में किया गया। 256 स्लाइस क्षमता की इस मशीन से मरीजों पर रेडियेशन का प्रभाव कम होगा। यह मशीन सभी प्रकार की बीमारियों की पहचान करने में सक्षम है। वहीं न्यूरोसर्जरी विभाग में बजट घोषणा के तहत 10 करोड़ रूपए की लागत से डिजिटल सब्सटै्रक्शन एंजियोग्राफी लैब का लोकार्पण श्री गहलोत द्वारा किया गया। इससे कम समय और अत्यन्त बारीकी से ब्रेन और स्पाईन की एंजियोग्राफी की जा सकेगी। श्री गहलोत ने कार्डियोलोजी विभाग में 6.5 करोड़ रूपए की लागत से नवीन कैथ लैब का उद्घाटन भी किया। मुख्यमंत्री ने रेडियो डाइग्नोसिस विभाग में 6 करोड़ की लागत से डिजिटल सब्सट्रैक्शन एंजियोग्राफी एडवांस लैब का भी लोकार्पण किया। न्यूरोवेस्कूलर बीमारियों की सही जांच और उपचार के लिए इतनी आधुनिक मशीनें देश कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध है।

मरीजों के परिजनों से मिले मुख्यमंत्री

इस दौरान निःशुल्क कॉकलियर इम्पलांट से लाभान्वित होने वाली बालिका 15 वर्षीय अन्नू तथा उसके पिता नेे मुख्यमंत्री से मुलाकात की और आभार व्यक्त किया। इस दौरान मुख्यमंत्री अस्पताल में उपचार कराने आए मरीजों के परिजनों से भी मिले और उनकी कुशलक्षेम पूछी। परिजनों ने निःशुल्क उपचार के लिए चलाई जा रही योजना की सराहना की।

स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश में सभी प्रकार के उपचार, जांचे व दवाईयां आमजन को निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य सरकार आमजन को श्रेष्ठ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस दौरान चिकित्सकों ने बताया कि चिरंजीवी योजना के अंतर्गत मरीजों के निःशुल्क हार्ट ट्रांसप्लांट किए जा रहे हैं। साथ ही, लंग ट्रांसप्लांट की सुविधा भी अस्पताल में जल्द शुरू होने जा रही है। अस्पताल का बर्न वार्ड अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त है। ऎपिलेप्सी मॉनिटरिंग विभाग की स्थापना भी जल्द की जाएगी। अब तक एक हजार से ज्यादा बच्चों के निःशुल्क कॉकलियर इम्पलांट किए जा चुके हैं। हाल ही में अस्पताल के द्वारा एक मरीज के दोनों कानों में निःशुल्क कॉकलियर इम्पलांट किया गया। इसके अलावा एमएमएस अस्पताल के कार्डियक सर्जरी विभाग के डॉ. अनिल शर्मा, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. राकेश जैन, न्यूरोलोजी विभाग के डॉ. अरविंद व्यास ने अस्पताल में उपलब्ध विभिन्न चिकित्सकीय सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया।

इस अवसर पर जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, विधायक रफीक खान, अमीन कागजी, चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया तथा आरयूएचएस के वीसी सुधीर भण्डारी सहित विभिन्न अधिकारी व चिकित्सक उपस्थित थे।

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