क्वालिटी कंट्रोल विंग की समीक्षा बैठक: गुणवत्ता नियंत्रण के लिए निरीक्षण एवं सैम्पलिंग बढ़ाई जाए : अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी

जयपुर डेस्क :

अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि विभिन्न कार्यों की गुणवत्ता बनी रहे इसके लिए प्रदेश के समस्त पीएचईडी डिविजन में इंस्पेक्शन, सैम्पलिंग एवं टेस्टिंग बढ़ाई जाए। क्वालिटी कंट्रोल विंग द्वारा किए गए निरीक्षण की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। जिन कार्यों की गुणवत्ता में कमी मिले, वहां कार्य कर रही फर्म एवं मॉनिटरिंग के लिए जिम्मेदार अभियंताओं के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए।

डॉ. अग्रवाल मंगलवार को सचिवालय स्थित अपने कक्ष में पीएचईडी की क्वालिटी कंट्रोल विंग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने विंग द्वारा किए जा रहे निरीक्षण एवं सैम्पलिंग सिर्फ सिविल कार्यों तक सीमित न रखकर मैकेनिकल एवं इलेक्टि्रकल सहित सभी स्तर के कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विंग द्वारा किए जाने वाले निरीक्षण में कोई भी डिविजन बाकी नहीं रहे, यह सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, शेष पीएचईडी डिविजन में निरीक्षण एवं सैम्पलिंग के कार्य 31 दिसम्बर तक पूरे करने के निर्देश दिए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने क्वालिटी कंट्रोल विंग द्वारा कार्यों की गुणवत्ता, सैम्पलिंग एवं टेस्टिंग के संबंध में समय-समय पर जारी किए गए सर्कुलर एवं नॉम्र्स में आवश्यकतानुसार बदलाव कर उन्हें फिर से जारी करने तथा विंग की अलग-अलग टीमें बनाकर विभिन्न कार्यों की पर्याप्त मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां बार-बार गड़बड़ी की शिकायतें मिलें, वहां ज्यादा निरीक्षण, सैम्पलिंग एवं टेस्टिंग की जाए।

मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियंत्रण) के. डी. गुप्ता ने बताया कि पीएचईडी के कुल 210 डिविजन हैं, जिनमें 119 रेगुलर डिविजन जबकि 91 प्रोजेक्ट डिविजन हैं। 67 प्रोजेक्ट डिविजन में अभी कार्य चल रहे हैं। विंग द्वारा 37 रेगुलर सर्कल टीम एवं 21 प्रोजेक्ट सर्कल टीम गठित कर अप्रैल से अगस्त माह तक 27 प्रोजेक्ट डिविजन तथा 90 रेगुलर डिविजन यानी कुल 117 डिविजन में निरीक्षण किया गया है। शेष बचे डिविजन में निरीक्षण बढ़ाकर सभी को कवर किया जाएगा। बैठक में क्वालिटी कंट्रोल विंग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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