समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु पंजीयन 6 से 28 तक, जिले में 128 केंद्रों पर पंजीयन सुविधा

विदिशा डेस्क :

रबी उपार्जन 2023-24 अंतर्गत कृषक बंधु समर्थन मूल्य पर गेंहू का विक्रय हेतु पंजीयन कार्य 06 फरवरी से शुरू होगा जो 28 फरवरी तक जारी रहेगा। उपार्जन कार्यों के लिए नियुक्त नोडल व जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती रश्मि साहू ने बताया कि जिले में कृषकों के पंजीयन हेतु विभिन्न तहसीलों में कुल 128 केन्द्र निर्धारित किये गये है। इन केन्द्रों पर सामान्य एवं सिकमी कृषक अपना निशुल्क पंजीयन करा सकेंगे। इसके अलावा कृषक स्वयं अपने मोबाईल द्वारा एमपी किसान एप के माध्यम से पंजीयन कर सकते हैं।
उपार्जन के लिये किसान पंजीयन व्यवस्था सहज और सुगम साधन उपलब्ध कराने की दृष्टि से किसान पंजीयन की सुविधा एम.पी ऑनलाईन कियोस्क कॉमन सर्विस सेन्टर लोकसेवा केन्द्र एवं साइबर कैफे पर भी उपलब्ध कराई जाने का निर्णय लिया गया है। जिन पर 50 रूपये के निर्धारित शुल्क पर पंजीयन किये जायेंगे।
वर्ष 2023-24 में पंजीयन कराने हेतु कृषकों को
निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा। भूऋण पुस्तिका तथा आधार की छायाप्रति के अलावा किसान पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। इस हेतु आधार से लिंक बैंक खाते की छायाप्रति, (चूंकि कृषकों को भुगतान उनके आधार लिंक बँक खातें में ही किया जायेगा इसलिये यह सुनिश्चित किया जावे कि कृषक का बैंक खाता एनपीसीएल अंतर्गत आधार से लिंक हो।
पंजीयन कराने और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरीफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। वेरीफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाईल पर प्राप्त ओटीपीसे या बायोमेट्रिक डिवाईज से किया जा सकेगा। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जबकि भू अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू अभिलेख एवं आधार डाटा में किसान का नाम त्रुटिपूर्ण होने पर राजस्व अमले अथवा आधार पंजीयन केन्द्र से नाम में संशोधन कराना होगा। किसान गिरदावरी में दर्ज फसल, रकबा अनुसार पंजीयन किया जा सकेगा। गिरदारवरी में दर्ज रकबा एवं फसल से संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में किसान को गिरदावरी में दावा आपत्ति करना होगी। दावा आपत्ति के निराकरण उपरांत पंजीयन किया जा सकेगा।
किसान उपार्जन केन्द्र पर जाकर फसल बेचने के लिये अपने परिवार के किसी सदस्य पिता, भाई, पुत्र, पति आदि को नामित कर सकेगें नामित व्यक्ति का भी आधार वेरीफिकेशन किया जावेगा।
वनाधिकार पटटाधारी , सिकमीदार किसानों को वनपटटा एवं सिकमी अनुबंध निर्धारित वैध तिथि का प्रस्तुत करना होगा। सिकमी बटाईदार ,कोटवार एवं वन पटटाधारी किसान के पंजीयन की सुविधा केवल सहकारी समिति एवं विपणन सहकारी समिति स्तर पर स्थापित पंजीयन केन्द्रों पर उपलब्ध होगी।
उक्त श्रेणी के शत प्रतिशत किसानों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जावेगा।अतः किसान बंधुओं से अनुरोध है कि उक्त निर्देशानुसार निर्धारित समयावधि में अपनी बोई गयी फसल का पंजीयन कराकर शासन की योजना का लाभ उठाएं की अपील विभाग के माध्यम से की गई है।

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