विभिन्न किस्म के फूलों से सजा स्वर्ण रथ, इंदौर में नगर भ्रमण पर निकले रणजीत हनुमान: डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए, 12 बजे मंदिर पहुंची

इंदौर डेस्क :

हाथों में भगवा ध्वजा लिए महिलाएं…पुरुष…। जय रणजीत के जयकारों की गूंज…। जिधर भी देखे हनुमान के भक्तों की भीड़…। विभिन्न किस्म के फूलों से सजा स्वर्ण रथ…। स्वर्ण रथ में विराजित रणजीत हनुमान (विग्रह) …। ठंड के बीच बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेने की दृढ़ इच्छा लेकर पहुंचते भक्त…। बाबा की प्रभात फेरी का स्वागत करने के लिए सड़क किनारे लगे मंच…। रणजीत हनुमान मंदिर से सुबह 5 बजे निकली प्रभातफेर 7 घंटे बाद दोपहर 12 बजे रणजीत हनुमान मंदिर पहुंची। इस दौरान प्रभात फेरी ने 7 किमी का सफर तय किया। रास्ते भर सैकड़ों मंच से बाबा के स्वर्ण रथ का स्वागत किया गया। जमकर फूल बरसाए गए। इस प्रभात फेरी को अब तक की सबसे बड़ी प्रभात फेरी बताया जा रहा है। इसमें डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु शामिल होने का अनुमान है।

मंदिर पहुंचते ही हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने जयश्री राम, जय हनुमान, जय रणजीत के नारे लगाए। महिलाएं भजन गा रही हैं। ढोल बजाकर मंदिर में स्वागत किया जा रहा है। कुछ ही देर बाद प्रसादी वितरण किया जाएगा। इसमें 25 हजार से अधिक भक्तों को प्रसाद वितरित की जाएगी।

प्रभात फेरी सुबह 11 बजे फूटी कोठी चौराहा पहुंची। यहां भक्तों ने बाबा का फूलों से जोरदार स्वागत किया गया। जय रणजीत का उद्घोष किया। भजनों पर श्रद्धालु झूमकर नाचने लगे।

– प्रभात फेरी रणजीत हनुमान मंदिर से सुबह 5 बजे के पहले ही शुरू हो गई थी। जो दो घंटे में महू नाका पहुंची।

– यहां से दो घंटे बाद यानी सुबह 9 बजे दशहरा मैदान तक पहुंची। यहां अब तक एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

जैसे-जैसे बाबा रणजीत का स्वर्ण रथ आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे भक्तों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।

– लोग परिवार के साथ बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं।

– महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को भी बाबा के दर्शन कराने लाई हैं।

137वें साल पर निकल रही प्रभात फेरी

रणजीत अष्टमी के मौके पर 137वें साल में ये प्रभात फेरी निकल रही है। इसके पहले मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास और अन्य पुजारीगण बाबा की विग्रह प्रतिमा को मंदिर से बाहर स्वर्ण रथ पर लेकर आए। पूरे विधि-विधान के साथ बाबा के विग्रह को रथ में विराजित किया गया। रथ और उसके आसपास भव्य आतिशबाजी भी की। रथ के आगे भजन मंडलियों के बीच भजनों की प्रस्तुति देते हुए कलाकार आगे बढ़ रहे हैं। नासिक की ढोल पार्टी ( ध्वज पताका) भी भक्तों को आकर्षित कर रही है। भजनों की धुन पर नाचते-झूमते हुए भक्त शामिल हैं।

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