लटेरी सीएमओ आरटीआई कानून की उड़ा रहे हैं धज्जियां 5 माह बीत जाने के बाद भी नहीं दी जानकारी


लटेरी डेस्क :

नगर परिषद लटेरी अधिकारियों की मनमानी कहे या लापरवाही 5 महीने बीत जाने के बाद भी आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी का जवाब आज दिनांक तक उपलब्ध नहीं कराया गया ऐसा लगता है आरटीआई के कागज कार्यालय में पड़े पड़े धूल खा रहे हैं ।
हम बात कर रहे हैं लटेरी नगर परिषद में संदीप कुमार चतुर्वेदी आरटीआई के माध्यम से कुछ जनहित के मुद्दों को लेकर जानकारी मांगी गई थी श्री चतुर्वेदी द्वारा बताया गया कि नगर परिषद लटेरी में भ्रष्टाचार नजर आ रहे हैं । उसका खुलासा करने के लिए जानकारी मांगी गई थी मगर बार-बार कार्यालय के चक्कर काटने के बाद भी अधिकारियों के कान पर आज तक जूं नहीं रेंगी है।
लटेरी नगर परिषद अधिकारीगण सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की जमकर धज्जियां उड़ाने में लगे हैं अधिकारी उक्त कानून को सिरे से नकार कर मनमानी चला रहे हैं । ऐसे ही मामले में अधिकारियों ने 5 महीने बीतने पर भी आवेदक द्वारा मांगी गई सूचनाओं का अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है ।

जबकि आरटीआई के नियम के अनुसार तीन दिवस में जवाब देना अनिवार्य है । आवेदक नगर परिषद कार्यालय के चक्कर काट रहा है लेकिन आज दिनांक तक सूचनाओं की जानकारी नहीं दी गई । लटेरी नगर के निवासी संदीप चतुर्वेदी ने 14 मार्च 2022 को आरटीआई एक्ट के तहत विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी हासिल करने के लिए आवेदन नगर परिषद लटेरी कार्यालय में दिया गया था। आवेदक ने बार-बार नगर परिषद कार्यालय के चक्कर काटे मगर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई ।इसे नगर परिषद सीएमओ संतोष पाराशर की मनमानी कहें कि 42 दिन बीत जाने के उपरांत भी कोई सूचना प्रदान नहीं की गई। इसके पश्चात अपील करता श्री चतुर्वेदी ने प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल संभाग भोपाल मध्य प्रदेश को दिनांक 25 अप्रैल 2022 को अपील की गई तत्पश्चात प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा दिनांक 16 जून 2022 की तिथि नियत दोनों पक्षों को की गई उक्त नियत तिथि को सुनवाई पर लोक सूचना अधिकारी संतोष पाराशर नगर परिषद सीएमओ लटेरी प्रतिवेदन के साथ एवं अपीलार्थी संदीप कुमार चतुर्वेदी भी उपस्थित रहे प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा आदेश के माध्यम से लोकसूचना अशिकारी को अवगत कराया कि 12. 3. 2022 के माध्यम से चाही गई 9 बिंदु की जानकारी आदेश प्राप्ति के 15 दिवस के भीतर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के नियम अनुसार उपलब्ध करावे लेकिन इसके पश्चात भी सीएमओ द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश की अवहेलना की गई और जानकारी प्रदान नहीं की गई। इसके पश्चात मजबूर होकर अपीलार्थी को द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग भोपाल को करनी पड़ी। अब देखना यह है कि मनमानी और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की धज्जियां उड़ाने वाले सीएमओ संतोष पाराशर राज सूचना आयोग के आदेश का पालन करेंगे या नहीं।

Exit mobile version