‘‘अंतराश्ट्रीय बाल दिवस’ के मौके पर आयोजित विशेश “बाल पंचायत” में बाल सरपंचों से संवाद, मंत्री ने कहा बाल सरपंच ग्राम सभा में हिस्सा लेकर अपने गांव के विकास के मुद्दों को गंभीरता से उठाएं

जयपुर डेस्क :

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चन्द मीना ने ग्रामीण बच्चों का आह्वान किया है वे अपनी ग्राम पंचायत में होने वाली ग्राम सभाओं में जाएं और गांव के मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखें। उन्होंने कहा कि बाल सरपंच और अन्य बच्चे पंचायती राज की त्रिस्तरीय व्यवस्था की जानकारी रखते हुए गांव के विकास और महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाएं, उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर आवश्यक कदम जरूर उठाए जाएंगे।

मीना ने शनिवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में ‘‘अंतराश्ट्रीय बाल दिवस’ के मौके पर आयोजित विशेश “बाल पंचायत” में बाल सरपंचों और अन्य बच्चों से संवाद करते हुए यह बात कही। साथ ही अन्तराश्ट्रीय बाल दिवस पर सभी बच्चों को बधाई दी एवं उन्हें ईमानदारी से कार्य करने का संकल्प दिलाया।

उन्होने बच्चों से कहा कि वे अपने गांव की विकास आवश्यताओं, वहां की कमियों, निर्माण कार्याें की गुणवत्ता, स्थानीय सरपंचों एवं अधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों के काम-काज की जानकारी रखें। उन्होंने कहा कि बच्चे अपनी पढ़ाई और विद्यार्थी जीवन के कर्तव्य निभाने के साथ ही पंचायती राज एक्ट, विधिक जानकारी, मौलिक अधिकारांे की समझ विकसित कर पंचायती राज में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि अपने गांव में भ्रश्टाचार, निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कमी जैसी किसी भी मामले में उन्हें गुप्त शिकायत सीधे भी भेज सकते हैं, उस मामले को दिखवा लिया जाएगा।  

बाल पंचायत में आए बाल सरपंचों की कई मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन देते हुए मीना ने कहा कि बाल सरपंच योजनाओं की प्रक्रिया और प्रणाली समझकर सरकारी योजनाओं का लाभ गांव के पात्र गरीब, बुजुर्ग, बेसहारा व्यक्ति को दिलवाने में भी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने बच्चों की पंचायती राज की त्रिस्तरीय व्यवस्था को समझने में रुचि, बाल सरपंच के रूप में सक्रियता से भागीदारी और क्षेत्र के मुद्दों की समझ की सराहना करते हुए कहा कि इसे देखकर लगता है कि महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज का सपना अब साकार हो रहा है। टाबर गु्रप द्वारा पंचायती राज व्यवस्था पर एक नाटक भी इस अवसर पर बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसकी मीना ने तारीफ की।

डिजिटल बाल मेला और यूनिसेफ द्वारा आयोजित इस विशेश बाल पंचायत में जयपुर की राजावास और जयरामपूरा ग्राम पंचायत के बाल प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बाल प्रतिनिधियों ने अपने गांव के स्थानीय मुद्दों को सजगता से पंचायती राज मंत्री के सामने रखा। जयरामपुरा की बाल सरपंच पायल जाब्डोलिया ने लड़कियों के लिए ग्रामीण इलाकों में शैक्षिक सुविधाओं पर उनका ध्यान आकर्शित किया एवं राजावास ग्राम पंचायत के बाल सरपंच जयशंकर मीणा ने ग्रामीण इलाकों में खेल कूद की सुविधाओं को बढ़ाने और विद्यालय में कृशि संकाय खोलने की मांग की। ये बाल सरपंच डिजिटल बाल मेला और यूनिसेफ द्वारा जयरामपुरा और राजावास में आयोजित की गई बाल पंचायतों में बच्चांे द्वारा बैलेट बॉक्स के जरिए चुने गए थे।

लोकतंत्र का मूल मंत्र

पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री मीना ने बाल पंचायत के अवसर पर क्लिप बोर्ड पर बच्चों को ईमानदारी से काम करने का संकल्प दिलाया। उन्होंने लिखा ‘‘सभी बच्चे आज संकल्प लें हम ईमानदारी से कार्य करेंगे, लोकतंत्र की व्यवस्था अपने आप सुधर जाएगी।’’  

यूनिसेफ राजस्थान के संचार  विशेशज्ञ अंकुश सिंह भी इस दौरान मौजूद रहे। डिजिटल बाल मेला की संरक्षक सुश्री मीना शर्मा ने राज्य सरकार से ग्राम पंचायतों में बाल सहभागिता को और बढ़ाने की मांग की।  इस मौके पर जयरामपुरा ग्राम पंचायत के सरपंच जगदीश निठारवाल और राजावास की सरपंच मिनाक्षी मीणा, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश शर्मा, पंचायत समिति सदस्य भगवान सहाय जाबडोलिया, रमेश देवन्दा बच्चों के साथ मौजूद रहे, साथ ही दोनों ग्राम पंचायतों से शिक्षाविद भी इस बाल पंचायत में शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन सुश्री प्रिया शर्मा ने किया।

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