उनकी (प्रीतम लोधी) हैसियत बताई गई है। सवर्णों की भाजपा में उनकी हैसियत क्या है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का संविधान सुरक्षा कवच के रूप में उनके साथ हमेशा है। मैं इन पाखंडी बाबाओं का भरोसा नहीं करता , चंद्रशेखर आजाद रावण

ग्वालियर डेस्क :

ग्वालियर में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद रावण ने इस बात पर गहरी चिंता जताई है कि मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़े वर्ग का व्यापक पैमाने पर सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक शोषण हो रहा है। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि भाजपा से निष्कासित नेता प्रीतम लोधी का निष्कासन इस बात का द्योतक है कि उन्हें उनकी हैसियत बताई गई है। सवर्णों की भाजपा में उनकी हैसियत क्या है।

अब वो संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की शरण में आए हैं इसलिए उन्हें कथित बागेश्वर धाम महाराज के श्राप से विचलित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का संविधान सुरक्षा कवच के रूप में उनके साथ हमेशा है। मैं इन पाखंडी बाबाओं का भरोसा नहीं करता हूं हमने तो आसाराम, राम रहीम और कई बाबा को देखा है जिन्हें कभी लोगों ने पूजा था आज वह जेल में है।

एससी एसटी ओबीसी (बहुजन) समाज का शोषण हो रहा है

भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि भाजपा से निष्कासित प्रीतम लोधी द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शोषित और कमजोर वर्गों के हक में लड़ाई लड़ने की बात कही है यह स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने बताया कि उन्हें शिवपुरी में 100 से ज्यादा दलित उत्पीड़न की शिकायतें मिली है। यह स्थिति भयावह है। मध्य प्रदेश में 90 फ़ीसदी आबादी बहुजन समाज की है। लेकिन उसकी सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक हैसियत ना के बराबर है। पिछली सरकार ने पिछड़े वर्ग को 27 फ़ीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी, लेकिन पंचायत चुनाव में यह सिर्फ 7.5 फीसदी आरक्षण पर ही चुनाव लड़ा गया। इसलिए भाजपा सरकार की मंशा एससीएसटी वर्ग और ओबीसी के लिए साफ दिख रही है।

दलित मूछें रखता है तो हत्या कर दी जाती है

रविवार देर शाम ग्वालियर पहुंचे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने कहा कि बहुजन समाज के लोग आज भी गुलाम भारत जैसे हालातों में जीने पर मजबूर है। बच्चियों को स्कूल नहीं जाने दिया जाता। कोई दलित मूछें रखे तो उसकी हत्या हो जाती है। प्राकृतिक संसाधनों पर भी अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़े वर्ग का कोई अधिकार नहीं है। सारे संसाधन संपन्न वर्ग के लोगों के कब्जे में है। लोगों के पास काम धंधे नहीं है पैसा नहीं है, जमीन नहीं है ऐसे में वो दोयम दर्जे का जीवन जीने के लिए मजबूर है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जन जागरण करने के मकसद से वह सभी जिलों को समाहित करते हुए एक न्याय यात्रा निकालेंगे जिस का समापन एक बड़ी आम सभा के रूप में राजधानी भोपाल में होगा।

Exit mobile version