शिल्प एवं माटी कला के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार संकल्पित -शिल्प एवं माटी कला बोर्ड अध्यक्ष राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में 250 दस्तकारों को किया सम्मानित

जयपुर डेस्क :

शिल्प एवं माटी कला बोर्ड अध्यक्ष डूंगरराम गेदर ने कहा कि बोर्ड का गठन कला के संरक्षण और संवर्धन के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिल्पकारों को उनकी पहचान दिलाने और उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध करने के हर संभव प्रयास कर रही है। 

गेदर शनिवार को जयपुर के इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में आयोजित ‘शिल्प माटी-2022‘ राज्य स्तरीय दस्तकार कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। कार्यशाला के दौरान 250 दस्तकारों का मौके पर पंजीकरण कर उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। 

शिल्प एवं माटी कला बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि राज्य भर के आर्टिजंस का कार्ड बनवाने का जिला स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स से  शिल्पकारों को उपयुक्त मिट्टी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने राज्य भर के दस्तकारों को उन्नत औजार उपलब्ध करवाने और उन्हें उचित प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने पर जोर दिया। 

राज्य सरकार मिट्टी कला के प्रोत्साहन और उत्थान के लिए मिट्टी के उत्पादों को कॉमर्शियल वेबसाइट पर उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रही है। इससे ना उन्हें आर्थिक रूप से फायदा होगा, बल्कि उत्पादों की बिक्री में आसानी होगी। उन्होंने आमजन से दीपावली के मौके पर स्थानीय स्तर पर दीपक खरीदने और दीपदान करने की भी अपील की।   

खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष बृजकिशोर शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार कलाकारों के उत्थान के लिए कई नवाचार कर रही हैं। शिल्पकार ज्यादा से ज्यादा योजनाओं को अपनाकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।  

जन अभाव अभियोग समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ सभी आर्टिजंस तक पहुंचाने का भी आश्वासन दिया।

इस अवसर पर उत्तरप्रदेश माटी कला बोर्ड के सलाहकार सुरेन्द्र कुमार प्रजापत, छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड के सलाहकार अनिल गुप्ता ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यशाला में बोर्ड के सदस्य संपतराज कुमावत, रामकरण कुमावत, कैलाश कुमावत, रघुनाथ कुम्हार, इंद्राराम प्रजापत सहित भारी संख्या में दस्तकार और कलाकार उपस्थित रहे।

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