55वीं राज्य स्तरीय विज्ञान, गणित और पर्यावरण प्रदर्शनी का समापन समारोह: विकास में करें विज्ञान का उपयोग, विनाशकारी उपयोग मानव सभ्यता के लिए अभिशाप -शिक्षा मंत्री

जयपुर डेस्क :

शिक्षा मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने शुक्रवार को बीकानेर में देशनोक के करणी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उदयपुर के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय 55 वीं राज्य स्तरीय विज्ञान, गणित और पर्यावरण प्रदर्शनी के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

बी.डी कल्ला ने कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है। इसने पूरी दुनिया को ग्लोबल विलेज बना दिया है। उन्होंने विज्ञान का उपयोग विकास में करने का आह्वान किया। साथ ही चिंता जताई कि इसके विनाशकारी उपयोग मानव सभ्यता के लिए अभिशाप हैं। उन्होंने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने इक्कीसवीं सदी के तकनीकी क्षमता संपन्न भारत की कल्पना की। वह सपना आज साकार हुआ है। आज हमारे देश के वैज्ञानिक नित नए आविष्कार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान मेला वर्षों बाद बीकानेर जिले में तथा पहली बार देशनोक में आयोजित हुआ है। प्रदेश भर के विद्यार्थियों ने इसका भरपूर लाभ उठाया। 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा देशभक्ति और महात्मा गांधी के प्रिय गीतों के गायन तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से कॉपी जांच के बाद स्कूलों में शतरंज खेलने का कीर्तिमान स्थापित किया गया है। इसे भी शीघ्र ही वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बच्चों को संयमित भोजन करने, अच्छी संगत रखने और मोबाइल-टेलीविजन से दूर रहने का आह्वान किया। 

देशनोक में खुलेगा राजस्थानी संकाय

देशनोक के करणी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्थानीय लोगों की मांग पर शिक्षा मंत्री ने शीघ्र ही यहाँ राजस्थानी संकाय प्रारंभ करने की घोषणा की। साथ ही राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कासठ को अंग्रेजी माध्यम स्कूल बनाने संबंधी घोषणा भी की।

स्कूल प्राचार्य शक्ति प्रसन्न बिठ्ठू ने बताया कि चार दिवसीय इस प्रदर्शनी में 33 जिलों के 804 विद्यार्थियों और शिक्षकों ने भागीदारी निभाई है। इस दौरान 357 मॉडल प्रस्तुत किए गए।

इस अवसर पर नगरपालिका देशनोक के अध्यक्ष ओमप्रकाश मूंधड़ा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. राजकुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) सुरेंद्र सिंह भाटी, करणी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष बादल सिंह, भामाशाह सुंदरलाल दूगड़, मूलचंद राठी, श्रीचंद खासर, शांतिलाल सांड, गिरिराज सिंह बारहठ, डॉ विजय शंकर आचार्य तथा विक्की पुरोहित सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

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