कांग्रेस के नेताओं को अनुशासन में रहने की दी सलाह दी: इंदौर में दिग्गी राजा बोले- अनुशासन आ जाए तो कांग्रेस कभी चुनाव नहीं हार सकती है

इंदौर डेस्क :

पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह मंगलवार को इंदौर पहुंचे। वे यहां उन सीटों पर जीत की रणनीति बनाने आए हैं, जहां कांग्रेस सालों से हारती आ रही है। इसमें 2, 4 और 5 नंबर विधानसभा सीट शामिल है। दो दिन इंदौर में रुककर दिग्विजय जिताऊ कैंडिडेट ढूंढ़ेंगे। तय कार्यक्रम से कुछ देरी से इंदौर पहुंचे सिंह अपनी ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर जमकर बरसे। कांग्रेस के नेताओं को अनुशासन में रहने की दी सलाह देते हुए सिंह ने कहा कि कांग्रेस में डिसिप्लिन आ जाए तो कांग्रेस कभी चुनाव नहीं हार सकती है।

कांग्रेस में अनुशासन पर ऐसा क्यों बोले दिग्वजिय और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान क्या हुआ…

दिग्विजय सिंह इंदौर में दो दिन कांग्रेस के मंडलम कार्यक्रम में शामिल होने मंगलवार को आए। रेसीडेंसी पर मंडलम कार्यक्रम में शामिल हाेने से पूर्व सिंह ने मीडिया से चर्चा की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मीडिया हॉल में घुसने से पूर्व मुख्यमंत्री नाराज हो गए और कॉन्फ्रेंस के दौरान ही खुद उठकर कार्यकर्ताओं को कमरे से बाहर निकाला। इस वाकए के बाद सिंह कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर जमकर बरसे और उन्हें अनुशासन में रहने की सलाह देते हुए कहा कि कांग्रेस में डिसिप्लिन आ जाए तो कांग्रेस कभी चुनाव नहीं हार सकती है।

सिंह ने बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर भी केन्द्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। वंदे भारत ट्रेन के लिए कहा की गाय भी अगर सामने आ जाए तो इंजन खराब हो जाए। बीजेपी द्वारा बुलेट ट्रेन पर खर्चा किया जा रहा है, वहीं देश में आज की परिस्थिति में गरीब और गरीब होता जा रहा है और अमीर, अमीर होता जा रहा है।

पैक्ड आइटम्स को लेकर भी उठाए सवाल, अडानी पर लगाए कई आरोप

जब मैं मुख्यमंत्री था तक रुचि सोया के मालिक कैलाश शाहरा जी थे। तब अडानी जी उनके सीएनएन एजेंट हुआ करते थे रुचि सोया के। तब अडानी जी मुझे नाश्ता करवाने घर ले गए थे। बाद में मुख्यमंत्री बने तो दोनों ने रुचि सोया को ही खत्म कर दिया। जितने आप के सॉल्वेंट प्लांट थे सोया के। सोयाबीन के सारे प्लांट आज किसके पास है। तेल का ब्रांड कौन सा है..फॉर्च्यून। किसका है, अडानी का। तो महंगाई इस वजह से है और नोटबंदी से और ईल प्रिपेयर्ड जीएसटी की वजह से।

अब जान लीजिए इंदौर में कांग्रेस की हालत और दावेदारी….

हालांकि इंदौर में कांग्रेस नेतृत्व विहीन है। चार महीने से शहर अध्यक्ष पद रिक्त है। पार्टी नाम ही घोषित नहीं कर सकी है, ऐसे में पुरानी कार्यकारिणी के साथ ही वे चुनाव संबंधी तैयारियों पर चर्चा करेंगे। साथ ही विधानसभा चुनाव के पहले तीनों सीट पर संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। कार्यकर्ताओं और नेताओं से बातचीत कर दिग्विजय अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। कांग्रेस में दो नंबर में जहां नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे अपनी दावेदारी जता रहे हैं, वहीं 4 नंबर में कांग्रेस के पास कोई बड़ा नाम नहीं है। 5 नंबर में जरूर पूर्व विधायक और पिछली बार के हारे हुए प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल और स्वप्निल कोठारी पूरी ताकत के साथ दावेदारी जता रहे हैं।

ध्यान रहे कि दो नंबर भाजपा का गढ़ है। यह रमेश मेंदोला की सीट है और पहले यहां से कैलाश विजयवर्गीय लड़ते आए हैं। चार नंबर सीट पूर्व मंत्री लक्ष्मणसिंह गौड़ का गढ़ है, यहां से उनकी पत्नी मालिनी गौड़ विधायक हैं। इसके अलावा एक अन्य सीट पर महेंद्र हार्डिया विधायक हैं जो पिछली बार बड़ी मुश्किल से चुनाव जीते थे। तीनों ही सीटों पर भाजपा का कब्जा है।

आज 2 और 4 नंबर विधानसभा सीट पर कर रहे बात

1. विधानसभा क्रमांक 4 के मण्डलम, सेक्टर कार्यकर्ताओं की बैठक लोकमान्य नगर में दोपहर 2 बजे से शुरू होगी, जो 3 बजे तक चलेगी। इसके बाद 3 बजे से समस्त कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नगर पालिका, जनपद, जिला पंचायत के चुने गए सदस्य, सेवा दल, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, किसान कांग्रेस, आईटी सेल, एनएसयूआई सहित सभी प्रकोष्ठ के सदस्य सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक।

2. विधानसभा क्रमांक 2 के मण्डलम, सेक्टर कार्यकर्ताओं की बैठक चौकसे धर्मशाला परदेशीपुरा पर शाम 7 बजे से होगी। इसके बाद रात 8 बजे से समस्त कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नगर पालिका, जनपद, जिला पंचायत के चुने गए सदस्य, सेवा दल, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, किसान कांग्रेस, आईटी सेल, एनएसयूआई सहित सभी प्रकोष्ठ के सदस्य सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक।

बुधवार को करीब 5 घंटे 5 नंबर विधानसभा पर मंथन

विधानसभा क्रमांक 5 के मण्डलम, सेक्टर कार्यकर्ताओं की बैठक बुधवार 7 मई को सुबह 11 बजे से लाभ मण्डपम रेसकोर्स रोड पर होगी। इसके बाद 12 बजे से समस्त कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नगर पालिका, जनपद, जिला पंचायत के चुने गए सदस्य, सेवा दल, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, किसान कांग्रेस, आईटी सेल, एनएसयूआई सहित सभी प्रकोष्ठ के सदस्य सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ दिग्विजय सिंह बैठक लेंगे।

इसी दिन शाम 4 बजे प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में दिग्विजय प्रेस क्लब में हिस्सा लेंगे और मीडिया के सवालों के जवाब देंगे।

30 साल से भाजपा के पास है 2 नंबर सीट

बता दें 2 नंबर विधानसभा सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने 1993 में जीत हासिल की थी तब से यानी 30 साल से ये सीट बीजेपी के पास है। तीन बार कैलाश विजयवर्गीय विधायक रहे। इसके बाद उनके खास रमेश मेंदोला को यहां से साल 2008 में टिकट दिया गया और तब से वे लगातार इस सीट पर जीत दर्ज कर चुके हैं। वे भी तीन बार के विधायक हैं।

वहीं 4 नंबर विधानसभा सीट 1990 से बीजेपी के पास है और कांग्रेस को यहां हर संभव कोशिश के बावजूद हार का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह 5 नंबर विधानसभा सीट बीजेपी 2003 से जीत रही है। इससे पहले यहां कांग्रेस के विधायक रहे हैं। हालांकि 3 नंबर विधानसभा सीट भी बीजेपी के पास है लेकिन कांग्रेस इसे भाजपा के गढ़ के रूप में नहीं देख रही है।

ये सीटें लगातार हार रही कांग्रेस

कांग्रेस को जिन सीटों पर लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है, उनमें इंदौर दो, इंदौर चार, इंदौर पांच, धार, महू, देवास, खातेगांव, बागली, खंडवा, पंधाना, बुरहानपुर, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, रतलाम सिटी, मंदसौर, मल्हारगढ़, नीमच, जावद, रहली, दतिया, बालाघाट, रीवा, सीधी, नरयावली, भोजपुर, सागर, हरसूद और सोहागपुर सीट प्रमुख हैं।

इसके साथ ही गुना, शिवपुरी, देवसर, धौहनी, जयसिंहनगर, जैतपुर, बांधवगढ़, मानपुर, मुड़वारा, जबलपुर केंट, पनागर, सिहोरा, परसवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, आमला, टिमरनी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद, सोहागपुर, पिपरिया, भोजपुर, कुरवाई, शमशाबाद, बैरसिया, गोविंदपुरा, बुधनी, आष्टा, सीहोर, सारंगपुर, सुसनेर, शुजालपुर, सीटें शामिल हैं।

सांवेर का दौरा कर चुके दिग्गी

पिछले महीने दिग्विजय सिंह सांवेर विधानसभा सीट का दौरा कर चुके हैं। यहां से कांगेस से बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट मैदान विधायक है। उन्हें हराने के लिए नए और जिताऊ चेहरे की तलाश में कांग्रेस जुटी है लेकिन यहां कांग्रेस नेताओं के गुटबाजी भी जमकर है। दो स्थानीय दावेदारों के साथ ही कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू की बेटी रीना बौरासी सेतिया भी दावेदारी जता रही है।

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