उज्जैन के महाकाल लोक में नंदी द्वार का कलश गिरा: बाल-बाल बचे श्रद्धालु, 4 दिन पहले आंधी से गिरी थी सप्तऋषि की मूर्तियां

उज्जैन डेस्क :

उज्जैन के महाकाल लोक में अब नंदी द्वार पर लगा कलश अचानक टूटकर नीचे गिर गया। जब ये घटना हुई, उस वक्त वहां कई श्रद्धालु भी मौजूद थे। हालांकि किसी को कोई चोट नहीं आई। बता दें कि इससे पहले रविवार को तेज आंधी से सप्तऋषियों की 7 में से 6 मूर्तियां नीचे गिर गई थी।

श्रद्धालु नंदी द्वार से ही महाकाल लोक में प्रवेश करते हैं। इसी में ऊपर की ओर कलश के आकार की डिजाइन लगी है। शाम को अचानक द्वार के डिजाइन में एक कलश टूटकर गिर गया। यह पत्थर का कलश है।

कांग्रेस का दल कर रहा था निरीक्षण
जिस वक्त कलश टूटकर गिरा था, उस वक्त महाकाल लोक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य निरीक्षण कर रहे थे। कुछ मीडियाकर्मी भी मौजूद थे। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने बताया कि अचानक ये कलश नीचे गिर गया। यह भी भ्रष्टाचार का नमूना है। कांग्रेस पार्टी की ओर से बाबा महाकाल को आवेदन दिया है।

उज्जैन के शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया ने बताया कि कांग्रेस कमेटी की ओर से दल निरीक्षण करने आया था। ये पत्र महाकाल के चरणों में देने आए हैं। बाबा महाकाल भ्रष्टाचार करने वालों को सद्बुद्धि दे। यह कलश नीचे गिरते देखा है। ये पत्थर गम से चिपके हुए हैं। इसका वजन करीब तीन किलो है। टाइल्स फूट गई।

कुछ ही समय में दोबारा चिपका दिया पत्थर
कलश गिरने से टाइल्स भी टूट गई थी। अफसरों के मुताबिक आशंका है कि ये कलश पदार्थ से चिपके हुए हैं। संभवत: पकड़ ढीली होने या गम सूखने के कारण कलश गिर गया। हालांकि वहां मौजूद प्रशासन ने तुरंत कलश को वापस गम से चिपका दिया। टाइल्स को भी बदल दिया गया।

चार दिन पहले ही गिरी थीं सप्तऋषि की मूर्तियां

चार दिन पहले ही रविवार को उज्जैन में शाम करीब 4 बजे तेज आंधी चली थी। इससे महाकाल लोक में स्थापित सप्तऋषियों की 7 में से 6 मूर्तियां गिर गईं थी। हादसे में कई श्रद्धालु बाल-बाल बचे थे। 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी हैं। इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था। सीएम शिवराज ने इन मूर्तियों की जगह नई मूर्तियां लगाने के निर्देश दिए है। जबकि कांग्रेस ने महाकाल लोक के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है।

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