आदिवासियों परअत्याचार की दास्तां, प्रताड़ित किया तो महिला ने दी जान

गुना डेस्क :

गांव में सन्नाटा था। घरों के दरवाजे बंद थे। दो घरों के दरवाजे खट-खटाए, लेकिन कोई बाहर नहीं निकला। हम बात कर रहे हैं गुना जिले की बमौरी विधानसभा के सुहाया गांव की। यहां दो दिन पहले एक आदिवासी महिला ने अपने ही घर में फांसी लगाकर जान दे दी। एक साल की बेटी के सिर से मां का साया उठ गया।

सीधी में हुए पेशाब कांड के बाद प्रदेश का दूसरा मामला है जो आदिवासियों पर अत्याचार की दास्तां बता रहा है। सुहाया की आदिवासी महिला लक्ष्मीबाई की मौत का कारण जानने जब भास्कर टीम उसके घर पहुंची तो महिला के पति सुनील ने बताया एक साल पहले यहां पंचायत चुनाव में भवर सिंह लोधा को सरपंच चुना गया। वहीं देवेंद्र सिंह लोधा चुनाव हार गए। चुनाव से पहले देवेंद्र ने गांव वालों को वोट डालने के लिए पैसे दिए थे। मेरे परिवार को पांच हजार रुपए दिए। चुनाव हारने के बाद वह पैसे मांगने लगे। घटना वाले दिन सुबह देवेंद्र के परिवार की महिलाओं ने लक्ष्मी से झगड़ा किया और धमकाया। इस घटना के बाद मेरी पत्नी लक्ष्मी बहुत डर गई। दोपहर 2.30 बजे उसने घर के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी।

परिजनों का आरोप- पंचायत चुनाव में वोट डालने के लिए दिए 5000 रुपए, हारने पर वापस मांगे, नहीं दे पाने पर इतनी प्रताड़ना दी कि आदिवासी महिला ने फांसी लगाकर जान दे दी, गुना जिले के सुहाया में पसरा सन्नाटा।

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