मप्र में लोकसभा चुनाव का तीसरा चरण: राजगढ़, मुरैना, ग्वालियर में कड़ा मुकाबला: कई सीटों पर भाजपा मजबूत

भाजपा ने कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर ताकत बढ़ाई, कांग्रेस ने भी पूरी ताकत झोंकी

न्यूज़ डेस्क :

मप्र में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सर्वाधिक नौ सीटों पर 7 मई काे मतदान होना है। प्रचार रविवार को थम गया है। अभी तक की स्थिति राजगढ़, मुरैना व ग्वालियर में मुकाबला बता रही है, जबकि भिंड, गुना, सागर, भोपाल, विदिशा और बैतूल में भाजपा को आगे दिखा रही है। इन 9 सीटों पर कुल 127 प्रत्याशियों का भाग्य टिका है। सबसे ज्यादा 22 उम्मीदवार भोपाल में हैं।

भोपाल -बढ़त की तरफ है भाजपा, ग्रामीण क्षेत्रों में दिखे अरुण

यहां भाजपा का पूर्व से दबदबा है, इसलिए आलोक शर्मा शहरी क्षेत्र में बढ़त पर दिख रहे हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस मेहनत कर रही है। मोदी का रोड-शो, मुख्यमंत्री मोहन यादव और पूर्व सीएम शिवराज की सक्रियता भी भाजपा को मजबूती दे रही है। शाह के दखल के बाद विधायक भी जुटे हैं। वहीं कांग्रेस के अरुण श्रीवास्तव की पूरी ताकत उनकी खुद की टीम है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा के साथ कई नेता जुटे हैं। फिर भी और ताकत झोंकनी होगी। दोनों दलों के सामने वोट डलवाने की चुनौती है।

लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों की स्थिति भाजपा : 6 कांग्रेस : 2

विदिशा- शिवराज दिख रहे आगे, प्रताप के सामने चुनौती

भाजपा का गढ़ बन चुकी विदिशा सीट पर शिवराज सिंह चौहान का पलड़ा भारी दिख रहा है। भाजपा के टीम वर्क का फायदा उन्हें मिल रहा है। कांग्रेस की अंदरूनी टूट ने भी चौहान को बल दिया है। दूसरी तरफ कांग्रेस उम्मीदवार प्रतापभानु शर्मा के सामने चुनौती जातिगत समीकरण को साधने की है। वे खुद ब्राह्मण हैं और इस सीट पर इनकी संख्या भी है। अजा-अजजा के साथ मुस्लिम कांग्रेस की तरफ बढ़ता है तो शर्मा चुनौती पेश कर सकते हैं। हालांकि अभी मुकाबला एकतरफा सा दिख रहा है।

लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों की स्थिति भाजपा : 7 कांग्रेस : 1

राजगढ़- दिग्विजय-रोडमल में दिख रही बराबरी की टक्कर

राजगढ़ में टक्कर कांटे की है। कांग्रेस से 33 साल बाद चुनाव लड़ने पहंुचे दिग्विजय सिंह गांव-गांव घूम रहे हैं। भाजपा लगातार आरोप लगा रही है कि दिग्विजय श्रीराम और हिंदू विरोधी है। दिग्विजय को प्रचार में कहना पड़ रहा है कि वे पुराने सनातनी हैं। यहां आठ विधानसभाओं में से आधे-आधे पर दोनों दलों का प्रभाव है। दिग्विजय सोशल इंजीनियरिंग करने में सफल होते हैं तो मुकाबले की तस्वीर बदल सकती है, क्योंकि भाजपा प्रत्याशी सांसद रोडमल नागर का पार्टी के भीतर विरोध भी है।

लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों की स्थिति भाजपा : 6 कांग्रेस : 2

मुरैना- जातीय समीकरण ही तय करेंगे जीत-हार के नतीजे

भाजपा के शिवमंगल तोमर और कांग्रेस के सत्यपाल सिकरवार (नीटू) आमने-सामने हैं। 25 अप्रैल को मोदी की सभा से माहौल गरमा गया है। दो दिन पहले प्रियंका की सभा से कांग्रेस मजबूत हुई है। हाल में पूर्व विधायक बलवीर दंडोतिया और कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने भाजपा का दामन थामा है। हालांकि तोमर को नीटू कड़ी चुनौती दे रहे हैं। दोनों दलों ने जातीय आधार पर ध्रुवीकरण किया है। दोनों प्रत्याशी क्षत्रिय हैं। बसपा से रमेश गर्ग का उतरना भाजपा के लिए चुनौती है।

लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा सीटों की स्थिति भाजपा : 3 कांग्रेस : 5

ग्वालियर – ओबीसी वर्सेस ब्राह्मण की तरफ बढ़ रहा चुनाव

भाजपा के भारत सिंह कुशवाह और कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक में मुकाबला नजदीकी बन गया है। इसे ओबीसी वर्सेस ब्राह्मण भी कहने लगे हैं। कुशवाह को नरेंद्र सिंह तोमर का करीबी कहा जाता है। कांग्रेस को ग्वालियर पूर्व, ग्रामीण, डबरा और पोहरी में बढ़त मिल रही है। ग्वालियर सीट कांग्रेस ने 2004 में जीती थी, इसके बाद से भाजपा ने जीत दर्ज की। कांग्रेस सांसद अशोक सिंह ने इस बार व्यूह रचना की है। कांग्रेस एकजुट भी दिख रही है। भाजपा मोदी की गारंटी पर जोर लगा रही है।

लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों की स्थिति भाजपा : 4 कांग्रेस : 4

गुना- लौट सकती है सिंधिया की प्रतिष्ठा, यादव वोट चुनौती

यहां से 2019 में हारने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भाजपा प्रत्याशी हैं। इस बार गुना सीट सिंधिया की प्रतिष्ठा लौटा सकती है। लेकिन उनके सामने बड़ी चुनौती यादव वोटों का तोड़ निकालने की होगी। भाजपा ने केपी यादव का टिकट काटा है। कांग्रेस ने इसी का फायदा उठाते हुए यादवेंद्र सिंह यादव को प्रत्याशी बना दिया है। यादवों के साथ बाकी जातियों का गणित बैठा तो सिंधिया को चुनौती मिल सकती है। हालांकि सिंधिया ने योगी, उमा, शिवराज समेत कई नेताओं की सभा करा दी है।

लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों की स्थिति भाजपा : 6 कांग्रेस : 2

भिंड – संध्या राय के सामने कांग्रेस के बरैया दिखा रहे जोर

भिंड में भाजपा ने फिर संध्या राय पर भरोसा जताया है। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी फूलसिंह बरैया से चुनौती मिल रही है। राहुल गांधी ने भिंड में संविधान की प्रति हाथ में लेकर कहा था कि संविधान को कोई खत्म नहीं कर सकता। एससी के लिए सुरक्षित इस सीट पर दलित वोट निर्णायक होंगे। फूलसिंह भिंड लोकसभा के अंतर्गत भांडेर से विधायक हैं। भिंड मंे 1989 से भाजपा जीतती आ रही है। 2019 में संध्या राय ने कांग्रेस के देवाशीष जरारिया को हराया था। इस बार जरारिया बसपा से लड़ रहे हैं।

लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों की स्थिति भाजपा : 4 कांग्रेस : 4

बैतूल– आदिवासी सीट पर कांग्रेस से आगे निकल रही भाजपा

अजजा आरक्षित इस सीट पर 46% आदिवासी वोटर हैं जो निर्णायक हैं। यहां मोदी की गारंटी भाजपा की बढ़त में अहम दिखाई दे रही है। साथ ही राममंदिर के मुद्दे के साथ संघ एक्टिव हो गया है। पिछले 33 सालों से यहां भाजपा जीतती आ रही है। भाजपा ने सांसद दुर्गादास उइके पर फिर से भरोसा जताया है तो कांग्रेस ने भी पिछला चुनाव लड़े रामू टेकाम को टिकट दिया है। प्रधानमंत्री की सभा से चुनावी माहौल गरमा गया है। भाजपा यहां निर्णायक बढ़त की तरफ बढ़ रही है।

लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों की स्थिति भाजपा : 6 कांग्रेस : 2

सागर– भाजपा के गढ़ में सेंध लगा पाना मुश्किल
सागर लोकसभा सीट पर भाजपा ने डॉ. लता वानखेड़े को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने चंद्रभूषण सिंह बुंदेला ‘गुड्डु राजा’ को टिकट दिया है।भाजपा ने मौजूदा सांसद राजबहादुर सिंह का टिकट काटा है, लेकिन इसका कोई असर सीट पर नहीं है। प्रधानमंत्री की सभा यहां हो चुकी है। भाजपा पिछले 33 साल से यहां चुनाव जीतती आ रही है। ताजा तस्वीर बता रही है कि 2024 में भी इस गढ़ को भेद पाना कांग्रेस के लिए मुश्किल हो रहा है।

भाजपा यहां मोदी की गारंटी के साथ खासतौर पर पेट्रोकेमिकल हब से तीन लाख लोगों को रोजगार दिलाने और केन-बेतवा लिंक परियोजना से संसदीय सीट के हर घर में पानी को लेकर मतदाताओं के बीच में पहुंच रही है। कांग्रेस के गुड्डु राजा बुंदेलखंड का खोया सम्मान वापस दिलाने को लेकर जनता से मिल रहे हैं।

विधानसभा सीटों की स्थिति:
भाजपा : 7 कांग्रेस : 1 कांग्रेस की एकमात्र विधायक भी भाजपा में चली गई हैं।

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