18 साल इंतजार का इंतजार खत्म, भोपाल के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट जारी: टाइगर मूवमेंट-वन क्षेत्र में निर्माण पर रोक रहेगी

भोपाल डेस्क :

भोपाल के मास्टर प्लान-2031 का ड्राफ्ट शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने जारी कर दिया है। इसमें वर्ष 2021 में आई आपत्तियों और सुझावों को भी शामिल किया गया है। कलियासोत-केरवा डैम के आसपास के क्षेत्र, जहां टाइगर मूवमेंट और घना वन क्षेत्र है, उस इलाके में निर्माण पर रोक लगी रहेगी। यानी कि इसे ग्रीन बेल्ट के दायरे में रखा गया है। वहीं, 400 हेक्टेयर जमीन भी वन विभाग को दी गई है, ताकि भविष्य में सरकारी भवन भी यहां न बन सके। सतगढ़ी में स्पोर्ट्स सिटी बनाने का प्रस्ताव है। कुछ इलाकों में सड़कों के चौड़ीकरण आदि को लेकर बीच का रास्ता निकाला गया है, ताकि फिर से उसे लेकर आपत्ति न आए।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भोपाल के मास्टर प्लान को लेकर संकेत दिए थे। शुक्रवार को दिनभर चली सुगबुगाहट के बाद ड्राफ्ट जारी कर दिया गया। दावे-आपत्तियों के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। करीब 12 महत्वपूर्ण संशोधन के साथ प्लान तैयार किया गया है। इसमें बड़ा तालाब के संरक्षण, केरवा डेम के जलभराव क्षेत्र समेत शहर की सड़कों की चौड़ाई पर विशेष फोकस किया गया है।

मास्टर प्लान के लिए 18 साल इंतजार

भोपाल का आखिरी मास्टर प्लान 1995 में जारी किया गया था, जो 2005 में समाप्त हो गया था। इसके बाद से मास्टर प्लान का इंतजार किया जा रहा था। हालांकि, बीच में तीन बार मास्टर प्लान को लेकर कवायदें होती रहीं। 2021 में तो इसे लेकर दावे-आपत्ति भी बुलाए गए थे। हालांकि, इसमें कई बड़े संशोधन किए जाने थे। बड़ा तालाब के कैचमेंट एरिया, टाइगर मूवमेंट एरिया, सड़कों आदि को लेकर यह संशोधन थे। इसके चलते यह ड्राफ्ट जारी नहीं हो सका था।

पिछली बार ग्रुप में आई थी आपत्तियां

पिछली बार 2021 में ड्राफ्ट जारी होने के बाद दावे-आपत्तियां मंगाए गए थे। इसमें ग्रुप यानी समूह में सैकड़ों आपत्तियां आई थीं। अकेले अवधपुरी इलाके की एक सड़क को लेकर ही 250 से ज्यादा आपत्तियां आई थीं। भोपाल के पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी पर्यावरणविदों की आपत्तियां थीं। इन आपत्तियों को दूर करने पर खासा फोकस रहा। अधिकतर आपत्तियों और सुझावों पर काम करने के बाद ही भोपाल मास्टर प्लान का यह ड्राफ्ट तैयार किया गया है।

तीन महीने में लागू हो सकता है प्लान

टीएंडसीपी के अधिकारियों और एक्सपर्ट की मानें, तो एक महीने तक दावे-आपत्तियां ली जाएंगी। उनका निराकरण किया जाएगा। इसके बाद अन्य प्रोसेस होंगी। यदि सबकुछ ठीक रहा, तो अगले तीन महीने में मास्टर प्लान लागू हो सकता है।

नए मास्टर प्लान के ड्राफ्ट की प्रमुख बातें…

टाइगर मूवमेंट और वन क्षेत्र इलाकों पर फोकस

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