प्रदेश का पहला सिकल सेल व थैलेसीमिया वार्ड, आज से शुरू होगा आदिवासी ‘टंट्या भील वार्ड’: राज्यपाल करेंगे उद्घाटन

भोपाल डेस्क :

आदिवासियों में आम तौर पर बच्चों में सिकल सेल रोग व थैलेसीमिया एक कॉमन बीमारी है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में भोपाल में एक 6 बिस्तर का सेल रोग एवं थैलेसीमिया वॉर्ड शुरू होने जा रहा है। एम्स के प्रवक्ता केडी शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश की पहली सिकल सेल रोग/थैलेसीमिया समर्पित यूनिट बनने जा रहा है। इसका उद्घाटन 22 सितंबर को मंगू भाई पटेल करेंगे। यह मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य की पहली समर्पित सिकल सेल रोग/थैलेसीमिया यूनिट, का नाम ” टंट्या भील वार्ड” रखा गया है।

राज्यपाल ने किया धन आवंटित
केडी शुक्ला ने बताया कि यह स्वास्थ्य सेवा इकाई के लिए मध्य प्रदेश के माननीय राज्यपाल के सहयोग से संभव हुई है, जिन्होंने राज्य के भीतर सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया से संबंधित गंभीर स्वास्थ्य चिंताओं को दूर करने के लिए धन आवंटित किया था। विशेष रूप से मध्य प्रदेश में रहने वाली आदिवासी आबादी के बीच आनुवंशिक रक्त विकार बहुतायत से देखने को मिलते हैं। यह पहल प्रभावित मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल पहुंच और प्रबंधन की दिशा एक आवश्यक कदम है। एम्स भोपाल में टंट्या भील वार्ड अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों, सुविधाओं और सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों के निदान, उपचार और देखभाल के लिए समर्पित एक अत्यधिक विशिष्ट चिकित्सा टीम मौजूद रहेगी।

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