गांधी जयंती: स्वराज का पौधा उस देश में उगता है जिसकी जड़ें अपनी परंपराओं से जुड़ी हो। महात्मा गांधी

रायपुर डेस्क :

ग्राम स्वराज की परिभाषा गढ़ते वक्त गांधीजी यह जानते थे कि हमारा देश अपनी जड़ों को मजबूत करके ही अपनी पहचान को सुरक्षित रख सकता है और महात्मा गांधी के इन्हीं विचारों को आत्मसात कर छत्तीसगढ़ राज्य आज निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है। गांधी के इन विचारों का सटिक उदाहरण है छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वार चलाई जा रही सुराजी ग्राम योजना। जिसके अंतर्गत अंधाधुंध विकास की भेंट चढ़ते नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी को फिर से सहेजा गया और अब इसे नए तरह से विकसित किया जा रहा है। सुराजी गांव योजना में बनें गौठान आज ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित हो रहे हैं। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूती भी मिल रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को सृदृता मिली गोधन न्याय योजना की शुरूआत से। जिससे आज पशुपालक और ग्रामीण गोबर और गोमूत्र बेचकर अपनी जिविकोपार्जन को नया आधार दे रहे हैं।
गांधीजी स्वच्छता के हिमायती थे वे चाहते थे कि सरल जीवन और स्वच्छ वातावरण हर किसी का आधार हो और यही वजह है कि स्वच्छता की दिशा में छत्तीसगढ़ लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर साल-दर-साल मिलने वाले स्वच्छता पुरस्कार यह साबित करते हैं कि छत्तीसगढ़ में गांधी के स्वराज की अलख जाग चुकी है।
बापू चाहते थे कि भारत के अंतिम छोर पर बैठे हर व्यक्ति तक बुनियादी जरूरतें पहुंचे। उनके इन विचारों को धरातल पर उतारने की दृष्टि से ही छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर साल 2019 में 5 बड़ी योजनाओं की घोषणा की थी। ताकि राज्य के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक बुनियादी सुविधाएं पहुंच सके। इनमें कुपोषण से पीड़ित बच्चों और एनिमिया से लड़ रही महिलाओं के लिए सुपोषण अभियान, प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में रहने वाले आदिवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले इसके लिए हाट बाजार क्लिनिक योजना, गरीब और रोजी-मजदूरी करने वाले श्रमिक बस्तियों के लिए मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, राज्य के सभी परिवारों की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सार्वभौम पीडीएस और नागरिक सेवाओं के तत्काल उपलब्धता के लिए मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना की शुरूआत की गई थी। इन योजनाओं का लाभ आज छत्तीसगढ़ के हर व्यक्ति तक पहुंच रही है।  इनके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना से छत्तीसगढ़ के किसान अब खेती को नया आयाम दे रहे हैं। आर्थिक रूप से सश्क्त हो रहे किसान गांधी के ग्राम स्वराज को लाने में एक मजबूत कड़ी साबित होंगे। राजीव युवा मितान क्लब योजना से राज्य के कामों में युवाओं की सहभागिता से समाज को सकारात्मक गति मिलेगी। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल से गरीब वर्ग के बच्चे बेहतर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। साथ ही राज्य में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ शक्ति स्वरूपा योजना, महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए दाई-दीदी क्लिनिक योजना, महिलाओं की सुरक्षा के लिए हमर बेटी-हमर मान योजना का संचालन भी समाज में लिंग असामनता की खाई को पाट रहा है। गांधीजी ये चाहते थे कि हर वर्ग ऊपर उठे, समाज में समरसता आए, गरीब और अंतिम छोर के व्यक्ति की भी बुनियादी जरूरतें पूरी हो, शिक्षा की अलख जगे तभी असली स्वराज को हासिल किया जा सकता है। गांधी के इन विचारों पर चलते हुए आज छत्तीसगढ़ राज्य नए कल की ओर बढ़ते हुए गढ़ रहा है ‘नया छत्तीसगढ़’

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