​​​​​​MP में बीजेपी, कांग्रेस की छोटे दल बढ़ा रहे मुसीबत, आप, AIMIM के बाद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की एंट्री

न्यूज़ डेस्क :

मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपना दमखम दिखाने के लिए कांग्रेस और बीजेपी के साथ ही दूसरी पार्टियां भी पूरा जोर लगा रही है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने दावा किया है विधानसभा चुनाव में 230 सीटों पर चुनाव लगेंगे और चुनाव की दिशा गोंड जनजाति के लोग ही तय करेंगें। वही 128 सीट जीतकर जीजीपी इस बार प्रदेश की सत्ता की चाबी अपने हाथ मे रखेगी। ऐसे में महाकौशल समेत विंध्य की कई सीटों पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी अपनी सक्रियता बढ़ाने जा रही है। यदि प्रदेश का आदिवासी वोटर आदिवासी नेताओं को चुनता है तो कांग्रेस और बीजेपी का गणित बिगड़ना तय है।

गौंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राधेश्याम काकोडिया ने बताया महाकौशल के केंद्र कहलाने वाले जबलपुर से गौंडवाना गणतंत्र पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनावी अभियान का बिगुल फूंककर शंखनाद हो गया हैं। जबलपुर में आयोजित हुए जीजीपी के कार्यकर्ता सम्मेलन में पूरे मध्यप्रदेश के कार्यकर्ता शामिल हुए थे। वहीं पार्टी की चुनावी रणनीति से कार्यकर्ताओ को वाकिफ़ कराने प्रदेश के साथ ही पार्टी संगठन का केंद्रीय नेतृत्व भी मौजूद रहा।

चुनाव जीतने के बाद सीएम आदिवासी होगा

कार्यकर्ता सम्मेंलन के जरिए विरोधी पार्टियों को घेरने जुटे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेताओं का दावा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में वह 128 सीटें जीतकर आदिवासी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएगें। यदि ऐसा न हो सका, तो बिना जीजीपी के सहयोग से कोई भी पार्टी प्रदेश में सरकार नहीं बना सकेगी।

दरअसल गौंडवाना गणतंत्र पार्टी के मुताबिक मध्य प्रदेश में लगभग 23% जनजाति के लोग रहते हैं। इसमें से लगभग 15% से ज्यादा गोंड जनजाति के लोग हैं। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अपने आकलन के हिसाब से सिर्फ गोंड जनजाति की आबादी लगभग 15% से ज्यादा है। मध्यप्रदेश की कुल आबादी 7 करोड़ 26 लाख के ऊपर है। ऐसे में 7 करोड़ 26 लाख का 15% लगभग एक करोड़ 10 लाख होता है। एक बड़ा वोट बैंक आदिवासियों का है। जो जीजीपी के साथ है। क्योंकि चाहे कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही पार्टियों ने न केवल आदिवासियों का शोषण किया है। बल्कि जल, जंगल और जमीन से आदिवासियों का हक भी छीनने का काम किया है।

​​​​​​छोटे दल बढ़ा रहे मुसीबत, आप, AIMIM के बाद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की एंट्री

जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं। वैसे-वैसे तमाम छोटे दल मैदान में अपनी ताल ठोक रहे हैं। प्रदेश के तमाम छोटे दल दावा कर रहे हैं, मध्यप्रदेश चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनेगी। बड़े राजनीतिक दलों को अपनी सरकार बनाने के लिए छोटे दलों का सहारा लेना पड़ेगा। यही कारण है कि प्रदेश के तमाम छोटे दल बड़ी राजनैतिक पार्टियों के वोट बैंक को प्रभावित करने की तैयारियां कर रहे हैं। बहरहाल इन छोटे दलों ने जोर-शोर से अपनी तैयारियां शुरू कर दी। अब देखना होगा राष्ट्रीय पार्टियों को इन सभी छोटे दलों से कितना नुकसान होगा या कितना फायदा होगा।

Exit mobile version