शिवराज सिंह की दौड़ बंपर वोट पाने की तरफ: वे कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप भानु शर्मा को प्रतिद्वंद्वी नहीं मानते, बड़ा भाई कहते हैं

विदिशा डेस्क :

विदिशा में इस बार सियासी लड़ाई हार-जीत से ऊपर वोट डलवाने की तरफ मुड़ रही है। भाजपा प्रत्याशी शिवराज सिंह चौहान गली-गली घूम रहे हैं, भजन गा रहे हैं, मंजीरा बजा रहे हैं और रोज सुबह कार्यकर्ताओं से ऑडियो ब्रिज कर रहे हैं ताकि वोटिंग ठीक तरह से हो जाए। रोजाना 18 घंटे प्रचार, छोटी-छोटी सभाओं से उन्होंने लगभग सभी गांव कवर कर लिए। पत्नी साधना सिंह और बेटा कार्तिकेय भी जुटे हुए हैं। साफ है कि शिवराज सिंह की दौड़ बंपर वोट पाने की तरफ है। वे कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप भानु शर्मा को प्रतिद्वंद्वी नहीं मानते, बड़ा भाई कहते हैं।

दूसरी तरफ नुक्कड़ सभाओं और रैलियों में बेरोजगारी-उद्योग नहीं लगने का मुद्दा उठाने के साथ शर्मा कह रहे हैं कि भाजपा धर्म का दुरुपयोग करके वोट मांग रही है। विदिशा में भाजपा का सांसद 1989 से है, लेकिन अभी तक नर्मदा जल नहीं पहुंचा। इन मुद्दों के बीच कांग्रेसी ही कह रहे हैं कि उनकी चाल शिवराज के मुकाबले धीमी है। गौरतलब है कि नामांकन के समय पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी, अरुण यादव और विवेक तन्खा आए थे, लेकिन इसके बाद कोई बड़ा नेता प्रचार में नहीं पहुंचा। शर्मा के लिए सिलवानी से कांग्रेस विधायक देवेंद्र पटेल और राजकुमार पटेल ताकत झोंके हुए हैं।

शर्मा को बड़ा भाई कह रहे शिवराज

चुनौती प्रताप के लिए
33 साल बाद चुनाव लड़ने आए हैं। वोटरों से जुड़ना और पूरे क्षेत्र के गांव तक राहुल की गारंटी को पहुंचाना।

चुनौती शि‍वराज के लिए
19 साल बाद लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा की सुरक्षित सीट है पर वोट प्रतिशत को बढ़ाना होगा।

चार जिलों में फैलाव-विदिशा लोकसभा सीट 4 जिलों विदिशा, सीहोर, रायसेन और देवास की 8 विधानसभा सीटों (भोजपुर, सांची, सिलवानी, विदिशा, बासौदा, बुधनी, खातेगांव और इछावर) को लेकर बनी है। विधानसभा चुनाव में सात भाजपा और एक सिलवानी सीट कांग्रेस जीती।

अपनी सीट छोड़ प्रदेश में कर रहे प्रचार

शि‍वराज जीत के प्रति इतने आश्वस्त हैं कि उन्होंने विदिशा छोड़कर प्रदेश की बाकी लोकसभा सीटों पर 40 सभाएं कर डालीं। गांव-टू-गांव मार्किंग स्थानीय स्तर पर छोड़ दी है। संसदीय क्षेत्र में जन आशीर्वाद यात्रा निकाल चुके शि‍वराज कहते हैं – मुझे जनता से मिलने का एक अवसर मिला है, उनके पास बार-बार जाऊंगा। सीएम के तौर पर काम किया, अब आदर्श लोकसभा बनाऊंगा। गांव की दीवारों पर ‘मामा का घर’ लिखा भी दिखाई दे रहा है। यह वोट में कितना बदलता है देखना होगा। ‘आंधी नहीं तूफान है शिवराज सिंह चौहान है’ का नारा भी चल रहा है।

कांग्रेस को नुकसान, कई नेता भाजपा में गए
शर्मा ने जिस दिन नामांकन भरा, उसी दिन रायसेन जिलाध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया। विदिशा जिले से कांग्रेस के पूर्व विधायक शशांक भार्गव, मेहताब सिंह यादव, ज्योत्सना यादव और जिलाध्यक्ष राकेश कटारे भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इसका नुकसान कांग्रेस में दिख रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के भाजपा में जाने के बाद विदिशा लोकसभा का रायसेन क्षेत्र भी झटका दे सकता है।

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