इंदौर नगर निगम में 28 करोड़ का घोटाला; मेयर ने CM को लिखा पत्र: उच्च स्तरीय जांच की मांग, अधिकारियों ने घोटाले को क्यों छिपाया

इंदौर डेस्क :

मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने नगर निगम में हुए 28 करोड़ रु. के फर्जी बिल घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रमुख सचिव (नगरीय प्रशासन) को पत्र लिखा है। इसमें अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं कि उन्होंने इतने लम्बे समय तक घोटाले को क्यों छिपाए रखा? घोटाले की फाइलें कार में क्यों रखी थी और कैसे चोरी हो गई? उन्होंने 2022 से पहले हुए नाला ट्रैपिंग की भी जांच की मांग की है।

इस मामले में मेयर ने अधिकारियों की भूमिका पर संदेह जताया है। उन्होंने सवाल उठाए कि फर्जी बिल दो साल पुराने कामों के आधार पर भुगतान के लिए पहुंचे तो इतने समय तक अफसरों ने घोटाला क्यों छुपाए रखा। नगर निगम के अकाउंट विभाग में ड्रेनेज लाइनों के 28 करोड़ रुपये के बिल भुगतान के लिए लगाए गए थे। जिस पर अफसरों को शंका हुई थी। इसके बाद पांच फर्मों के खिलाफ नगर निगम के एक्जीक्युटिव इंजीनियर सुनील गुप्ता ने केस दर्ज कराया। गुप्ता की कार से इस घोटाले की फाइलें भी चोरी हो चुकी है। अब तक पांच ठेकेदारों का पता भी नहीं चल सका है। पुलिस ने उनके पर 10 हजार का इनाम घोषित किया है। उसमें निगम की मेजरमेंट बुक का उपयोग हुआ। अफसर अपने हस्ताक्षर फर्जी बता रहे है, लेकिन बिल अकाऊंट विभाग तक पहुंचे कैसे? यह भी जांच का विषय है। मेयर भार्गव ने बताया कि पांच फर्मों के अलावा नाला टैपिंग प्रोजेक्ट के तहत हुए कामों की भी जांच होना चाहिए।

Exit mobile version