राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में घोटाला, कुलपति समेत 5 पर FIR:CM ने वित्त शाखा के अफसरों को हटाया, उच्च स्तरीय जांच के निर्देश

भोपाल डेस्क :

भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) के 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर किए जाने के मामले में 5 लोगों पर FIR दर्ज की गई है। इनमें यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलसचिव प्रो. आरएस राजपूत, वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा, कुलपति प्रो. सुनील कुमार, मयंक कुमार (लाभार्थी), दलित संघ सोहागपुर पर 420 समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

इसके बाद यूनिवर्सिटी में धरने पर बैठे ABVP के कार्यकर्ता ने धरना समाप्त कर दिया है। ये कार्रवाई की मांग को लेकर तीन दिन से प्रदर्शन कर रहे थे।

सीएम ने दिए उच्च स्तरीय समिति से जांच के निर्देश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले में उच्च स्तरीय समिति से जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही विश्वविद्यालय की वित्त शाखा में पदस्थ सभी अधिकारियों को हटा दिया है।

सीएम ने रविवार को सोशल मीडिया X पर लिखा- मेरे संज्ञान में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में चल रही आर्थिक अनियमितता का प्रकरण सामने आया है। इस मामले में दोषी पाए जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।

हर चीज की बारीकी से जांच कराएंगे: मंत्री इंदर सिंह

इससे पहले जांच की मांग को लेकर धरना दे रहे ABVP कार्यकर्ताओं से चर्चा करने रविवार को उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार RGPV पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि बैठक कर हमने तय किया है कि रिपोर्ट आई है। उसके आधार पर FIR दर्ज करा रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि केवल रजिस्ट्रार ही नहीं बल्कि इस मामले में और भी जो-जो लोग है, चेक पर जिनके साइन हुए हैं। सभी को मुलजिम बनाया जा रहा है। तत्काल प्रभाव से FIR करके यूनिवर्सिटी में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। इसलिए जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है। हम हर चीज की मुद्देवार जांच कराएंगे।

19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर किए
RGPV के अकाउंट से 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर किए गए हैं। यह काम अनाधिकृत तरीके से किया गया। जिसका खुलासा मामले की जांच के लिए बनाई गई समिति की रिपोर्ट में हुआ है।

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शनिवार रात 9 बजे विभाग के प्रमुख सचिव को सौंपी। रिपोर्ट के आधार पर शनिवार को यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार रहे डॉ. आरएस राजपूत को निलंबित कर दिया गया, जबकि यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड फाइनेंस कंट्रोलर एचके वर्मा के खिलाफ यूनिवर्सिटी कार्रवाई करेगी।

इसके अलावा, जांच के लिए तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग FIR दर्ज कराएगा। दरअसल, यूनिवर्सिटी के तकनीकी शिक्षा विभाग को फरवरी के दूसरे हफ्ते में शिकायत मिली थी कि यूनिवर्सिटी के अकाउंट से 19.48 करोड़ रुपए रजिस्ट्रार और फाइनेंस कंट्रोलर के साइन से प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर हुए। जांच के लिए 19 फरवरी 2024 को तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने तीन सदस्यीय समिति बनाई थी।

खाली है यूनिवर्सिटी में कंट्रोलर फाइनेंस का पद

RGPV कुलपति सुनील कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी में कंट्रोलर फाइनेंस का पद अक्टूबर 2013 से खाली है। यूनिवर्सिटी के कंट्रोलर फाइनेंस के रिटायर होने के बाद नए कंट्रोलर की पद स्थापना नहीं हुई है। इस कारण यूनिवर्सिटी के अकाउंट से दूसरे खातों में ट्रांसफर हुए अमाउंट के चेक पर साइन किए हैं। जिन चेक पर साइन किए हैं, उन सभी चेक की प्रशासकीय स्वीकृति रजिस्ट्रार के मार्फत आई थी।

ABVP ने की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग

RGPV में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर ABVP कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा। ABVP के प्रांत मंत्री संदीप वैष्णव ने कहा कि हमारी यह स्पष्ट मांग हैं जो जांच रिपोर्ट आई है, उसे तुरंत सार्वजनिक किया जाए। विश्वविद्यालय का ऑडिट भी 5 सालों से नहीं हुआ है। इससे जुड़े ऑडिटर और चार्टर्ड अकाउंट पर भी कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। पिछले 5 सालों के सभी आर्थिक व्यवहार की जांच की जाए। दोषियों में चाहें कुलपति हों, कुलसचिव हो या फ़ाइनेंस ऑफिसर हो सभी पर त्वरित कार्रवाई होना चाहिए।

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