विदिशा

मरीजों को खुद वार्ड तक लेकर जाते हैं परिजन, अस्पताल में सुविधाओं की कमी: बीएमओ बोले- स्टाफ नहीं है तो सुविधा कैसे दें, अफसरों को बता चुके

सिरोंज डेस्क :

सिरोंज में वैसे देखने दिखाने को 3 मंजिल का सरकारी अस्पताल है। जो पहले 100 बेड हॉस्पिटल था जिसे घटाकर अब 60 बेड कर दिया गया है। इस बड़े से अस्पताल में सुविधाओं की भारी कमी है। गर्भवती महिलाओं को गेट से पहली मंजिल पर बने लेबर रूम तक पैदल चलकर जाना पड़ता है।

अधिकांश समय गेट पर गार्ड या वार्ड बॉय मौजूद ही नहीं होता और न स्ट्रेचर मिलता है। रात के समय तो स्थिति और खराब होती है। इस अस्पताल में रोज करीब 10 डिलीवरी होती हैं, सबको असुविधा का सामना करना पड़ता है।

स्टाफ ही नहीं है तो सुविधा कैसे दें

बीएमओ डॉ अमित भेदिया ने कहा कि अस्पताल के गेट पर गर्भवती महिला को स्टेचर ओर वार्ड बॉय की सुविधा मिलना ही चाहिए। हमारे पास स्टाफ की भारी कमी है। वार्ड बॉय कम से कम 9 होना चाहिए, सिर्फ 3 हैं। जो 6 -6 घंटे की शिफ्ट करते हैं। ड्यूटी पर सिर्फ 1 वार्ड बॉय होता है। वही वार्ड के सारे काम करता है। सामान इधर-उधर भी उसी को करना है, इसलिए गेट पर कोई नहीं मिलता। गार्ड भी सिर्फ 2 हैं, जो 12 – 12 घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं।

उसको इमरजेंसी, थाने की तहरीर जैसे काम भी करने पड़ते हैं। इसलिए गेट अधिकतर खाली रहता है। कलेक्टर साब को स्टाफ की कमी के बारे में बता रखा है। सिविल हॉस्पिटल में एक भी डॉक्टर नहीं हैं। बीएमओ की मूल पदस्थापना कसबाताल में हैं, दूसरे डॉ अभिषेक गरेठा के हैं। शासकीय अस्पताल जैसे-तैसे चल रहा है।

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