विदिशा
पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की छात्र-छात्राओं को नहीं दी जाती पूरी स्टेशनरी: प्रिंसिपल देता है धमकी
लटेरी डेस्क :
पॉलिटेक्निक कॉलेज लटेरी में छात्र-छात्राओं को प्रति सेमेस्टर के हिसाब से स्टेशनरी नहीं दी जाती। छात्र-छात्राओं ने जब पूरी स्टेशनरी देने की बात की तो प्रिंसिपल भड़क गए। और बोले कि जहां जाना है वहां जाओ इतनी ही स्टेशनरी मिलेगी। इस बात से दुखी होकर सभी छात्र-छात्राएं लटेरी एसडीएम निकिता तिवारी के पास पहुंचे और वहां पर अपनी सारी समस्याओं को एक आवेदन के रूप में देकर अवगत कराया इस पर लटेरी एसडीएम ने भी छात्र-छात्राओं को आश्वासन दिया है कि एक जांच कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी वह नियम अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी।
शासकीय नियम अनुसार यह सुविधा मिलनी चाहिए
मध्य प्रदेश शासन तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ /5 /2 /2006/42 – 1 भोपाल दिनांक 10 मई 2007 के अनुसार एकलव्य योजना अंतर्गत संस्थानों में अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं एवं डॉ बाबासाहेब अंबेडकर योजना अंतर्गत संस्थानों में अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए निम्नलिखित सुविधा प्रदान की जाएगी।
01. छात्रवृत्ति₹1000 प्रति छात्र-छात्रा
02. निशुल्क स्टेशनरी, ड्राइंग एवं अन्य सामग्री प्रति अप सत्र अधिकतम ₹2000 मूल की प्रति छात्र-छात्रा
03. निशुल्क पुस्तके प्रति अप सत्र अधिकतम ₹2000
प्रति छात्र-छात्रा
04. निशुल्क छात्रावास एवं भोजन छात्र-छात्राओं को यह सुविधा प्रदान की जाएगी
05. निशुल्क परीक्षा राजीव गांधी औद्योगिक
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धोखे से कराएं छात्र-छात्राओं से हस्ताक्षर
कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल वार्डन शेख मोहम्मद ने हमसे वोटर आईडी कार्ड बनवाने के नाम पर एक ब्लैक पेपर पर साइन कर लिए जिसके 10 – 15 मिनट बाद ही प्रिंसिपल सुरेंद्र कुमार चौकसे ने एक शिक्षक सुरेंद्र सिंह धाकड़ को झूठे आरोप लगाकर कॉलेज से निकाल दिया कॉलेज में शिक्षकों की कमी है ऐसे में हम लोग कैसे पढ़ाई करें, हमारी पूरी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
उग्र आंदोलन की भी चेतावनी
सभी छात्र-छात्राओं ने कहा है कि यदि हम लोगों को न्याय नहीं मिला तो हम बड़े स्तर पर उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा भारी भरकम चूना लगाया जा रहा है जो शासन से पात्रता अनुसार योजना का लाभ मिलना चाहिए वह वास्तविक तौर पर छात्र-छात्राओं को नहीं दिया जा रहा।