एम. पी.पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका, तारीखों के ऐलान में हो सकती है देरी!

कोर्ट ने नोटिस जारी कर मुख्य सचिव को 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है
ग्वालियर :-
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल पंचायत चुनाव को लेकर सरकार द्वारा 2014 का परिसीमन लागू करने के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. यह याचिका एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में दाखिल की गई है. जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.
याचिका में की गई है ये मांग
कल्लू राम सोनी ने हाईकोर्ट (High Court) में यह याचिका दाखिल की है. याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश में नया परिसीमन लागू किया था लेकिन चुनाव से ठीक पहले बीजेपी सरकार नया अध्यादेश लेकर आई और कमलनाथ सरकार के परिसीमन को रद्द कर 2014 के परिसीमन के आधार पर ही चुनाव एम. पी.पंचायत चुनाव कोर्ट ने नोटिस जारी कर मुख्य सचिव को 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.) कराने का फैसला किया. याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार का यह फैसला जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन है क्योंकि जो वार्ड या ग्राम पंचायत एक वर्ग के लिए आरक्षित थे, उन्हें कमलनाथ सरकार ने बदला था लेकिन शिवराज सरकार ने फिर से उसी वर्ग के लिए सीटों को आरक्षित कर दिया है.
पंचायत चुनाव में हो सकत है देरी!
बता दें कि कोर्ट ने नोटिस जारी कर मुख्य सचिव को 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. ऐसी चर्चाएं थी कि राज्य निर्वाचन आयोग दिसंबर में पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है लेकिन अब हाईकोर्ट द्वारा मुख्य सचिव से 4 हफ्तों में जवाब देने का निर्देश दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि अब पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी हो सकती है.
कांग्रेस ने कही थी कोर्ट जाने की बात
उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा पुराने परिसीमन के आधार पर ही पंचायत चुनाव कराने के फैसले पर कांग्रेस ने भी नाराजगी जाहिर की थी और सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही थी. कांग्रेस का आरोप था कि सरकार चुनाव में देरी कराना चाहती है, इसलिए उसने यह फैसला किया है. हालांकि हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए पंचायत चुनाव टालने की मांग कर डाली थी. जिस पर भाजपा ने कांग्रेस पर चुनाव टालने की कोशिश का आरोप लगा दिया था. फिलहाल दोनों ही पार्टियां, भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर चुनाव को टालने का आरोप लगा रही हैं.