नाबालिग बेटे की जिद पर परिजन कम उम्र में करा रहे थे विवाह: चाइल्डलाइन की टीम ने रुकवाया

विदिशा डेस्क :
सरकार ने भले ही बाल विवाह को रोकने के लिए कई कानून बनाए हो, लेकिन अब भी बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहे है। कई वर्षों से चली आ रही परंपराओं के चलते कम उम्र में बालक बालिकाओं का विवाह कर देते है तो कही परिजन मजबूरी के चलते बाल विवाह करते हैं। ऐसा ही एक मामला आज विदिशा में देखने को मिला, जब नाबालिग बेटे की जिद के चलते परिजन उसका विवाह कम उम्र में करा रहे थे।
आज शहरी क्षेत्र में एक बाल विवाह होने की जानकारी मिली थी। शहर के करैयाखेड़ा रोड पर भैयाजी कॉलोनी में एक 19 वर्षीय युवक का विवाह होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद चाइल्ड लाइन की काउंसलर दीपा शर्मा, रजत शर्मा सिविल लाइन पुलिस से एसआई सुरेंद्र पाठक, एक्सेस 2 जस्टिस कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन से सदस्य भैया जी कॉलोनी पहुंचे। वहां एक बालक का विवाह होने जा रहा था। घर पर विवाह की रस्में चल रही थी। टीम के लोगों ने परिजनों से पूछताछ की तो पहले तो उन लोगों ने गुमराह करने की कोशिश की है।
उनका कहना था कि लड़का बालिग है, जब लड़के की मार्कशीट और अन्य कागजात देखे गए थे उसमें वह नाबालिग था, जिस पर टीम ने पंचनामा तैयार करके परिजनों को नाबालिग का विवाह नहीं कराने की समझाइश दी और साथ ही चेतावनी दी है कि अगर बाल विवाह करते हैं तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
चाइल्ड लाइन टीम की काउंसलर दीपा शर्मा ने बताया कि एक नाबालिग लड़के के विवाह होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद पुलिस की टीम के साथ चाइल्ड्डलाइन की टीम कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और बालक के कागजातों की जांच की तो उसमें वह नाबालिग पाया गया। परिजनों को समझाइश दी गई है कि बाल विवाह कराना अपराध है।
21 साल के बाद शादी कर सकते हैं। लड़के के पिता ने बताया कि लड़का और लड़की दोनों आपस में प्यार करते थे। वह शादी करने की जिद कर रहे थे। मजबूरी के चलते यह शादी करना पड़ रही है। इसके बाद परिजन मान गए हैं, उन्होंने लिखित में आश्वासन दिया है।
एसआई सुरेंद्र पाठक ने बताया कि मौके पर जाकर बाल विवाह रुकवाया। 21 साल होने के बाद ही विवाह करने की समझाइश दी गई, जिस पर परिवार ने सहमति जताई ।