राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव : छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य की झलक, राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का तीसरा दिन

रायपुर डेस्क :

महिलायें गहरी नीली साड़ी पहने और सिर में कलगी लगाए आदिवासी परम्परा की पहचान को सरंक्षित रखते हुए। सामूहिक, सामजंस्य और एकता का संदेश देते हुए।

वाद्य यंत्रों में भी छत्तीसगढ़ की झलक। निशान बाजा,मोहरी, मांदर, टिमटिमि बाजा का प्रयोग करते हुए कर्णप्रिय संगीत के साथ सुंदर  प्रस्तुति।

मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिला ढिधौरी से पहुंचे कलाकार।  कृषि कर्म प्रधान नृत्य करमा, फसल कटाई और कृषि पर आधारित है। यह बैगा जनजाति का लोकप्रिय नृत्य है।मांदर की थाप पर ,सिर में रंगीन पगड़ी और मोरपंख से सुसज्जित ,लाल व काले परिधान में उत्साह के साथ प्रस्तुति दे रहे हैं।

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